Delhi Crime: दो करोड़ रुपये की ठगी में सीपीआर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड का निदेशक गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने दो करोड़ रुपये की ठगी में सीपीआर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक पवन कुमार गर्ग (61) गिरफ्तार किया है। आरोपित ने लोगों के शेयर और बांड अवैध तरीके से स्थानांतिरत कर ठगी की थी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 02:12 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 02:12 PM (IST)
Delhi Crime: दो करोड़ रुपये की ठगी में सीपीआर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड का निदेशक गिरफ्तार
अवैध तरीके से शेयर और बांड स्थानांतिरत कर की पवन कुमार गर्ग ने ठगी।

वि, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने दो करोड़ रुपये की ठगी में सीपीआर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक पवन कुमार गर्ग (61) गिरफ्तार किया है। आरोपित ने लोगों के शेयर और बांड अवैध तरीके से स्थानांतरित कर ठगी की थी। इसी तरह के अन्य मामले की जांच दिल्ली पुलिस की साइबर सेल भी कर रही है। 

ईओडब्ल्यू के संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. ओ.पी. मिश्रा ने बताया कि आइपी एक्सटेंशन निवासी रविंदर गुप्ता ने पुलिस में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस को उन्होंने बताया कि वर्ष 2009-10 में उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से सीपीसी कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के माध्यम से डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोले थे। शेयरों के कारोबार के दौरान कंपनी के निदेशक पवन गर्ग ने उनके भतीजों के साथ पहचान बनाई। बाद में उसने अवैध तरीके से उनके शेयर और बांडों को स्थानांतरित कर उनके रुपये हड़प लिए। छानबीन करने पर पता चला कि पवन गर्ग ने उनके नाम से जाली डीमैट स्लिप भी तैयार की थी। 

उस स्लिप को उसने अवैध शेयर कारोबार के लिए स्टॉक एक्सचेंज में प्रस्तुत किया था। इसमें उन्हें 2.06 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि पवन गर्ग ने पीड़ित और उनके परिवार के नाम का शेयर और बांड को रुपये पाने के लिए गिरवी भी रखा था। यह रुपये शिकायतकर्ता के खातों में स्थानांतरित नहीं हुए थे। जबकि कंपनी के निदेशक को ऐसा करने का कोई भी कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं था। ठगी का पता चलने पर डीसीपी मोहम्मद अली की टीम ने पवन गर्ग को गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पवन गर्ग ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई कर रखी है। उसने वर्ष 1996 में अपनी कंपनी शुरू की थी। आरोपित ने अपने परिवार के सदस्यों को ही कंपनी में नियुक्त कर रखा है। पुलिस फिलहाल मामले की छानबीन कर रही है।

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