संपत्ति कर जमा करने और व्यवसायिक लाइसेंस बनवाने के लिए निगम ने धार्मिक प्रतिष्ठानों को भेजे नोटिस, मचा घमासान

पूर्वी निगम क्षेत्र में स्थित मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारों को भी संपत्ति कर और व्यवसायिक लाइसेंस के नोटिस मिलने लगे हैं। इससे हड़कंप मच गया है। इसकी वजह से पार्षदों में भी नाराजगी है। यह नाराजगी स्थायी समिति अध्यक्ष बीर सिंह पंवार तक पहुंची है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 08:37 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 10:40 PM (IST)
संपत्ति कर जमा करने और व्यवसायिक लाइसेंस बनवाने के लिए निगम ने धार्मिक प्रतिष्ठानों को भेजे नोटिस, मचा घमासान
पूर्वी निगम क्षेत्र में धार्मिक प्रतिष्ठानों को भेजे गए नोटिस। प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार] । पूर्वी निगम क्षेत्र में स्थित मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों को भी संपत्ति कर और व्यवसायिक लाइसेंस के नोटिस मिलने लगे हैं। इससे हड़कंप मच गया है। इसकी वजह से पार्षदों में भी नाराजगी है। यह नाराजगी स्थायी समिति अध्यक्ष बीर सिंह पंवार तक पहुंची है। उन्होंने इस पर निगमायुक्त विकास आनंद से बात की है। बीर सिंह पंवार ने कहा कि ये नोटिस गलत भेजे गए हैं।

इन्हें रद कर दिया है। साथ ही आगे किसी धार्मिक स्थल या फिर चैरिटेबल स्कूलों को ये नोटिस नहीं भेजने के निर्देश भी अधिकारियों को दे दिए गए हैं। सबसे पहले यह मामला निगम में घोंडली के पार्षद दीपक मल्होत्रा ने उठाया था। उन्होंने बताया कि उनके वार्ड में स्थित एक गुरुद्वारे को जनरल ट्रेड (व्यवसायिक) लाइसेंस बनवाने के लिए नोटिस भेजा गया है। इसके बाद मौजपुर वार्ड की आप की पार्षद रेशमा नदीम ने बताया कि सुभाष मोहल्ला में बिस्मिल्लाह मस्जिद को भी गत 25 सितंबर को इसी तरह का नोटिस जारी किया गया है।

एक दिन पहले स्थायी समिति की बैठक पूर्व महापौर बिपिन बिहारी सिंह ने भी यह मामला उठाया। उन्होंने बताया कि मयूर विहार फेज एक में हनुमान मंदिर को भी लाइसेंस के लिए नोटिस दिया गया है। तीनों ने इस नोटिस को वापस लेने की मांग की। इसके बाद स्थायी समिति अध्यक्ष बीर सिंह पंवार ने अधिकारियों से बातचीत की। इसमें पता चला कि कुछ धार्मिक प्रतिष्ठानों को संपत्तिकर का भी नोटिस जारी किया गया है।

ऐसे हुई गलती : निगम ने एक निजी एजेंसी से अपने क्षेत्र में रिहायशी और व्यवसायिक संपत्तियों का सर्वे कराया है। इसके आधार पर रिहायशी संपत्तियों को यूपिक नंबर भी जारी किए गए हैं। इन्हें संपत्तिकर जमा करने के लिए नोटिस भेजा रहा है। वहीं व्यवसायिक संपत्तियों को जनरल ट्रेड लाइसेंस से संबंधित नोटिस दिए जा रहे हैं।

निजी एजेंसी ने सर्वे के बाद जिन संपत्तियों की लिस्ट सौंपी, उसमें से धार्मिक प्रतिष्ठान और चैरिटेबल संस्थाओं को अलग नहीं किया गया और सभी के नाम नोटिस निगम मुख्यालय से शाहदरा उत्तरी और दक्षिणी जोन में भेज दिए गए। यहां भी बगैर छंटनी सभी नोटिस जारी कर दिए गए। इस संबंध में निगमायुक्त से बात हो चुकी है। धार्मिक प्रतिष्ठानों को दिए गए नोटिस रद समझें जाएं। संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दे दी गई है कि अगर आगे इस तरह का कोई नोटिस इन्हें दिया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बीर सिंह पंवार, स्थायी समिति अध्यक्ष

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