Delhi Coronavirus Third Wave: तीसरी लहर के मद्देनजर अभी तक निगम के अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट शुरू नहीं

एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह तक सभी प्लांट शुरू हो जाएंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक अगस्त के अंत तक तीसरी लहर आने की संभावना है। इसके मद्देनजर निगम के अस्पताल तैयारियों में अभी काफी पीछे हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 01:13 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 01:13 PM (IST)
Delhi Coronavirus Third Wave: तीसरी लहर के मद्देनजर अभी तक निगम के अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट शुरू नहीं
हिंदू राव अस्पताल में बढ़ाए गए बेड, रेजीडेंट डाक्टरों की भी हो रही भर्ती-

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से मचे हाहाकार के बाद केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली के अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत उत्तरी निगम के पांच अस्पतालों को भी अप्रैल में औद्योगिक सामाजिक दायित्व (सीएसआर) फंड से राशि आवंटित की गई थी। इसके बावजूद संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर अभी तक निगम के अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट नहीं शुरू हुए हैं।

हालांकि, निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह तक सभी प्लांट शुरू हो जाएंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक अगस्त के अंत तक तीसरी लहर आने की संभावना है। इसके मद्देनजर निगम के अस्पताल तैयारियों में अभी काफी पीछे हैं। वहीं, कुछ अस्पतालों में बेड आदि को लेकर व्यवस्थाएं जस की तस हैं। उत्तरी नगर निगम के अस्पतालों की बात करें तो सबसे बड़े हिंदू राव अस्पताल में तैयारियां चल रही हैं। इस अस्पताल को कोरोना संकट के दौरान निगम ने पूरी तरह कोविड अस्पताल घोषित किया था। अस्पताल में दूसरी लहर के दौरान उपलब्ध आइसीयू बेड की क्षमता अब दोगुने से ज्यादा की जा रही है। साथ ही वेंटिलेटर बेड भी बढ़ाए जा रहे हैं।

इसके अलावा छह अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगने का 70 फीसद काम पूरा हो चुका है। उत्तरी निगम के एक अधिकारी के मुताबिक अगस्त के दूसरे सप्ताह तक आक्सीजन प्लांट स्थापित होने की उम्मीद है। इसके साथ ही 12 जुलाई से 17 जुलाई के बीच अस्पताल के डाक्टरों को वेंटिलेटर सपोर्ट देने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। साथ ही रेजिडेंट डाक्टरों की भर्ती का कार्य भी चल रहा है। वहीं, आक्सीजन सिलेंडर भंडारण के लिए बने हुए भंडारण कक्ष की मरम्मत का कार्य भी चल रहा है। अस्पताल में पहले से ही 10 हजार लीटर क्षमता का भंडारण प्लांट है। साथ ही आपातकालीन और सामान्य वार्ड में बेड को आक्सीजन पाइपलाइन से जोड़ने का भी काम चल रहा है।

वहीं तिमारपुर स्थित बाबा बालक राम अस्पताल में सीएमओ डा. विकास ने बताया कि दूसरी लहर के दौरान अस्पताल को कोविड अस्पताल नहीं बनाया गया था। यहां, सिर्फ 100 बेड का कोविड केयर सेंटर तैयार किया गया था। तीसरी लहर को देखते हुए सभी 100 बेड के लिए आक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गई है। किंग्सवे कैंप स्थित राजन बाबू टीबी अस्पताल में कोरोना की अगली लहर को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं किए जा रहे। जबकि पास के ही महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल में इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं।

अस्पताल के सीएमओ डा. मनोज ने बताया कि अस्पताल में पांच वेंटिलेटर व आठ आक्सीजन बेड समेत 30 के करीब बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित किए जा रहे हैं। राजन बाबू टीबी अस्पताल में पहले 100 बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित किए गए थे, लेकिन बीते दो महीनों से कोरोना वार्ड को बंद कर दिया गया है। यहां पर क्षय रोगियों का इलाज किया जा रहा है। हालांकि, अस्पताल परिसर में भी कोरोना नियमों का पालन होता नहीं नजर आता। 10 में से तीन लोग बिना मास्क के दिखाई देते हैं। जब कोरोना की अगली लहर से निपटने के लिए अस्पताल की ओर से की जा रही तैयारी के बारे में अस्पताल के संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात नहीं की।

इन अस्पतालों में शुरू होंगे आक्सीजन प्लांट

बाड़ा हिंदू राव, बालकराम, राजनबाबू , गिरधारीलाल, कस्तूरबा गांधी और महर्षि बाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल

हिंदू राव अस्पताल में की गईं ये तैयारियां

सुविधाएं पहले अब

बेड 250 500

वेंटिलेटर आठ 140

आइसीयू बेड 15 40

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