Delhi Coronavirus: लोगों का आरोप, दिल्ली की सड़कों पर सिविल डिफेंस के लोग कर रहे मनमानी, जबर्दस्ती काट दे रहे मास्क न पहनने का चालान

चालान काटने में दिल्ली सिविल डिफेंस (डीसीडी) वालंटियर्स की मनमानी से लोग परेशान हैं। लोगों का आरोप है कि ये वालंटियर्स जबर्दस्ती मास्क न पहनने का आरोप लगाकर 2000 रुपये का चालान काट देते हैं। जिनके पास दो हजार रुपये नहीं होते हैं

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 12:53 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 05:27 PM (IST)
Delhi Coronavirus: लोगों का आरोप, दिल्ली की सड़कों पर सिविल डिफेंस के लोग कर रहे मनमानी, जबर्दस्ती काट दे रहे मास्क न पहनने का चालान
दिल्ली सिविल डिफेंस (डीसीडी) वालंटियर्स की मनमानी से लोग परेशान हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चालान काटने में दिल्ली सिविल डिफेंस (डीसीडी) वालंटियर्स की मनमानी से लोग परेशान हैं। लोगों का आरोप है कि ये वालंटियर्स जबर्दस्ती मास्क न पहनने का आरोप लगाकर 2,000 रुपये का चालान काट देते हैं। जिनके पास दो हजार रुपये नहीं होते हैं उनका नाम, मोबाइल नंबर व घर का पता नोट करके मौके पर ही नोटिस दे दिया जाता है। बाद में डीएम आफिस बुलाकर चालान राशि ली जाती है।

बता दें कि पिछले सप्ताह इनकी मनमानी के कारण आइआइटी रेडलाइट पर सड़क हादसा भी हो गया था, जिसके बाद राहगीरों व वालंटियर्स के बीच मारपीट भी हुई थी। कोरोना दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर चालान काटने के लिए एक एसडीएम के अंतर्गत 20 टीमें होती हैं। हर टीम में सिविल डिफेंस के पांच वालंटियर व एक नोडल अफसर होता है।
शिक्षकों को नोडल अफसर बनाया गया है। नोडल अफसर को चालान काटने का अधिकार दिया गया है। एक नोडल अफसर ने बताया कि हर टीम को रोजाना 10 चालान काटने का टारगेट दिया जाता है। इसलिए वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोकते हैं।

वहीं, इन लोगों के पास पहले से भरी हुई स्लिप भी होती है, जिसमें सिर्फ तारीख और गाड़ी का नंबर भरना होता है। इस बारे में दक्षिणी जिले की डीएम का पक्ष जानने के लिए उन्हें काल व मैसेज किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर लोगों को अवगत कराया था कि सिविल डिफेंस वालंटियर को कोरोना संक्रमण के नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटने का कानूनी अधिकार नहीं है। ट्वीट में उपराज्यपाल को भी टैग किया गया था। पुलिस ने कहा था कि पता चला है कि सिविल डिफेंस के वालंटियर कोरोना के नियमों का उल्लंघन करने पर लोगों का चालान काट रहे हैं। वे पार्कों में जाकर भी चालान काट रहे हैं।

खाकी वर्दी में होने के कारण लोग इन्हें पुलिसकर्मी समझ लेते हैं, जिससे दिल्ली पुलिस की छवि खराब हो रही है। पार्को में जाकर फर्जी चालान काटने के मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर कुछ आरोपितों को गिरफ्तार भी किया था। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट में जनता से अपील की है कि किसी भी चालान को स्वीकार करने से पहले चालानकर्ता की सही पहचान अवश्य कर लें कि वह कौन है।

थमा देते हैं फर्जी चालान
31 दिसंबर को कुछ लोगों ने नार्थ एवेन्यू थाने में सिविल डिफेंस वालंटियर सन्नी, यशवंत राठी व लकी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि इन वालंटियर्स ने तालकटोरा गार्डन में उनसे 4,000 रुपये पेटीएम लेकर फर्जी चालान थमा दिया था। जांच के बाद तीनों को गिरफ्तार किया कर लिया गया था। उनकी तैनाती जाम नगर एसडीएम कार्यालय में थी। इसके अलावा भी फर्जी चालान के मामले सामने आ चुके हैं।
भाजपा ने किया था प्रदर्शन
कोरोना से बचाव के लिए नियम का पालन कराने के नाम पर सिविल डिफेंस वालंटियर्स द्वारा की जा रही मनमानी के विरोध में भाजपा सड़क पर उतर आई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के नेतृत्व में विधायकों और कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर धरना दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया भी इसमें शामिल हुए। गोयल ने कहा कि आप के पास दिल्ली पुलिस नहीं है। इसलिए वह सिविल डिफेंस वालंटियर्स के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार की तरह वसूली कर रही हैं।

इन्हें दिल्ली पुलिस की तरह वर्दी दी गई है, जिससे लोगों को डराया जा सके। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने स्पष्ट कर दिया है कि इन्हें चालान काटने का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद मास्क नहीं पहनने के नाम पर लोगों से पैसे वसूले जा रहे हैं। जनता परेशान हो रही है, लेकिन दिल्ली सरकार चुप है। उन्होंने दो हजार रुपये के चालान को दो सौ रुपये करने और सिविल डिफेंस वालंटियर्स को इससे अलग रखने की मांग की है।

दिल्ली में संक्रमण के मामले आठ हजार पहुंच गए हैं। मास्क व सैनिटाइजर वितरित करने और टीकाकरण में मदद करने के बजाय सरकार जुर्माना वसूलने में लगी है। विधायक ओपी शर्मा ने कहा कि उपराज्यपाल को इस मनमानी को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए। इस दौरान विधायक जितेंद्र महाजन, विधायक अनिल वाजपेयी, अभय वर्मा आदि मौजूद रहे।

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