Delhi Covid-19 Case: दिल्ली में इस बार छोटे बच्चे बड़ी संख्या में हो रहे संक्रमित, डॉक्टरों ने बताई वजह
Delhi Coronavirus News एम्स के पीडियाटिक विभाग के प्रोफेसर डा. एसके काबरा ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि नए स्ट्रेन के कारण संक्रमण अधिक फैल रहा हो लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। पहले की तुलना में बच्चों की इस बार जांच अधिक हो रही है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राजधानी में यह देखा गया है कि इस बार छोटे बच्चे भी बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी बड़ी वजह वायरस का नया स्वरूप (स्ट्रेन) है। दरअसल, यह स्वरूप पहले की तुलना में ज्यादा संक्रामक है। इसकी वजह से बड़े लोगों के साथ ही बच्चों को भी संक्रमण अपनी चपेट में ले रहा है। इसके साथ ही बच्चों का इस बार घर से बाहर निकलना भी संक्रमण की वजह बन रहा है। हालांकि, बच्चों में अभी बहुत गंभीर संक्रमण नहीं देखा जा रहा है।
एम्स के पीडियाटिक विभाग के प्रोफेसर डा. एसके काबरा ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि नए स्ट्रेन के कारण संक्रमण अधिक फैल रहा हो, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। पहले की तुलना में बच्चों की इस बार जांच भी अधिक हो रही है। जुलाई-अगस्त तक लोग घरों से बाहर कम निकल रहे थे। बच्चे तो बिल्कुल ही नहीं निकल पा रहे थे, जबकि इस समय ज्यादातर बच्चे बाहर निकल रहे हैं।
यही नहीं कुछ दिन पहले तक बच्चे स्कूल भी जा रहे थे। परिवार के सदस्य बाहर से वायरस लेकर घर पहुंचते हैं, लेकिन सावधानी नहीं बरतने से बच्चे भी शिकार हो रहे हैं। बच्चों में खांसी, जुकाम, बुखार के अलावा उल्टी व दस्त की समस्या हो रही है।
10 साल से अधिक उम्र के बच्चों में संक्रमण ज्यादा
गंगाराम अस्पताल के पीडियाटिक विभाग के विशेषज्ञ डा. धीरेंन गुप्ता ने कहा कि बच्चों में अधिक संक्रमण का कारण वायरस में म्यूटेशन के अलावा उनका घर से बाहर निकलना भी है। 10 से 17 साल की उम्र के बच्चों में संक्रमण अधिक देखा जा रहा है। कम उम्र के कुछ बच्चों में भी गंभीर बीमारी देखी जा रही है। आकाश सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पीडियाटिक विभाग की विशेषज्ञ डा. मीना जे ने कहा कि वायरस का नया स्ट्रेन तेजी से फैलता है। अब पहले की तरह शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी नहीं हो रहा है। बीएलके अस्पताल के पीडियाटिक विभाग की विशेषज्ञ डा. रचना शर्मा ने कहा कि पहले ज्यादातर बच्चों में लक्षण नहीं होता था। इसलिए बच्चों की जांच कम होती थी। अब बच्चों में लक्षण आ रहे हैं।
कुछ बच्चों में निमोनिया के लक्षण भी देखे जा रहे हैं, जो पहले नहीं देखे जा रहे थे। मोटापे से पीड़ित बच्चों को भी दिक्कतें हो सकती हैं। ज्यादातर ऐसे बच्चे संक्रमित मिल रहे हैं, जिनके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य भी संक्रमित हैं। बेहतर होगा कि बच्चे घर से बाहर न निकलें, घर में ही रहें।