Delhi Coronavirus News: राजधानी में एक करोड़ के पार हुए कोरोना परीक्षण
राजधानी में कोरोना जांच का आंकड़ा बुधवार को एक करोड़ के पार पहुंच गया। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक दिल्ली में कुल 10059193 सैंपल की जांच हो चुकी है। बुधवार को 228 नए मामले सामने आए। वहीं संक्रमण दर 0.36 फीसद हो गई।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में कोरोना जांच का आंकड़ा बुधवार को एक करोड़ के पार पहुंच गया। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक दिल्ली में कुल 1,005,9193 सैंपल की जांच हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 63,161 सैंपल की जांच हुई, जिसमें से 0.36 फीसद सैंपल पाजिटिव पाए गए। वहीं, बुधवार को 228 नए मामले सामने आए। साथ ही 10 मरीजों की मौत हो गई। वहीं, संक्रमण दर 0.36 फीसद हो गई। वहीं, 405 मरीजों को ठीक होने पर छुट्टी दी गई।
मरीजों के ठीक होने की दर अब 97.95 फीसद हो गई है। वहीं, मृत्युदर 1.70 फीसद पर ही स्थिर है। वहीं, कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10,774 हो गई। वहीं, अब तक 6,33,049 लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 6,20,128 लोग ठीक हो चुके हैं। फिलहाल 2,147 सक्रिय मरीज हैं। अस्पतालों में 968 मरीजों का इलाज चल रहा है। साथ ही 29 मरीज कोविड केयर सेंटर में और छ: मरीज कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती हैं। वहीं, 916 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। बुधवार को कंटेनमेंट जोन की संख्या घटकर 2,168 रह गई।
दिल्ली ने बनाया नया रिकार्ड:
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है कि हमने दिल्ली की 50 फीसद आबादी के बराबर एक करोड़ से अधिक कोरोना परीक्षण किए हैं। बढ़े हुए परीक्षण और उपचार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ संक्रमण रोकने में सफलता पाई है।
टीकाकरण के लिए नहीं ले रहे हिस्सा
दिल्ली में टीकाकरण के लिए अब भी बड़ी संख्या में डाक्टर हिस्सा नहीं ले रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों में टीके को लेकर भ्रम के अलावा इसकी एक और बड़ी वजह सामने आई है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के रजिस्ट्रार डॉक्टर गिरीश त्यागी ने बताया कि राजधानी में कई वरिष्ठ डॉक्टर ऐसे हैं जिन्हें तकनीक जानकारी नहीं है। इसके चलते ये अपना पंजीकरण नहीं करा पाए। ऐसे सैकड़ों डॉक्टरों की जानकारी डीएमसी के पास है।
डॉ त्यागी ने बताया कि टीकाकरण के पंजीकरण के लिए जो वेबसाइट है, उसमें अब पंजीकरण नहीं हो रहे हैं। कई वरिष्ठ डाक्टरों ने यह मुद्दा काउंसिल के सामने उठाया है। त्यागी ने आगे कहा कि वे सरकार से दोबारा डाक्टरों का पंजीकरण शुरू करने की मांग उठाएंगे। वहीं, वरिष्ठ डॉ विनोद मोंगा ने कहा कि ऐसे कई डाक्टर हैं, जिनकी आयु 60 वर्ष से भी अधिक है, लेकिन उन्हें वेबसाइट पर पंजीकरण करने की जानकारी नहीं है।
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