Delhi Coronavirus: नया स्ट्रेन युवाओं के लिए भी घातक, संक्रमित हो पहुंच रहे आइसीयू में
कोरोना का नया स्ट्रेन युवाओं पर भारी पड़ रहा है। 30 से 35 साल की उम्र के युवा भी गंभीर संक्रमण के कारण आइसीयू में पहुंच रहे हैं। डाक्टर कहते हैं कि मौत के मामले बुजुर्गो व 50 से अधिक उम्र के लोगों में ही देखने को मिल रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना का नया स्ट्रेन युवाओं पर भारी पड़ रहा है। 30 से 35 साल की उम्र के युवा भी कोरोना के गंभीर संक्रमण के कारण आइसीयू में पहुंच रहे हैं। हालांकि, डाक्टर कहते हैं कि अब भी ज्यादातर मौत के मामले बुजुर्गो व 50 से अधिक उम्र के लोगों में ही देखने को मिल रहे हैं। शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डा. विकास मौर्य ने कहा कि इस बार कोरोना से पीडि़त मरीजों में कई अगल तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं। बुखार अधिक दिन तक है। डायरिया व पेट संबंधी परेशानी बड़े लोगों में भी देखी जा रही है।
पहले फेफड़े में संक्रमण ज्यादातर मरीजों को दूसरे सप्ताह में होता था। अभी तीसरे व चौथे दिन फेफड़े में संक्रमण होने लगा है। इस बार युवा अधिक संक्रमित हो रहे हैं। कई युवाओं को गंभीर संक्रमण व निमोनिया के कारण आइसीयू में भर्ती कर आक्सीजन देना पड़ रहा है। बहरहाल, मौजूदा समय में स्थिति यह है कि दिल्ली में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित 1,250 वेंटिलेटर में से 1,086 भर चुके हैं। सिर्फ 164 वेंटिलेटर खाली है। दिल्ली कोरोना एप के अनुसार लोकनायक, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, सफदरजंग सहित नौ सरकारी अस्पतालों को मिलाकर कुल 74 अस्पतालों में वेंटिलेटर खाली नहीं हैं। वहीं, 80 अस्पतालों में बिना वेंटिलेटर वाले आइसीूय बेड खाली नहीं हैं।
हालांकि पिछले साल स्थित इससे विपरीत थी। आइसीयू में भर्ती होने वाले 90 प्रतिशत मरीज 50 साल से अधिक उम्र के थे। सेहत विभाग के आंकड़ों के अनुसार शहर के अलग-अलग प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना दो से तीन युवा संक्रमित ऐसे आ रहे हैं जिन्हें आइसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ और कई में फाइब्रोसिस की मौजूदगी देखी जा रही है। कोरोना वायरस को हल्के में लेने का खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ रहा है।
युवा बरत रहे अधिक लापरवाही
- लक्षण महसूस होने पर भी जांच नहीं करवाते हैं।
- अब भी इस गलतफहमी में हैं कि कोरोना एक सामान्य बीमारी है।
- खाने-पीने में एहतियात नहीं बरत रहै हैं जिससे इम्यूनिटी कमजोर हो रही है।
- मास्क लगाने और हाथ धोने में भी लापरवाही बरत रहे हैं।