पंजाब के बाद अब दिल्ली में दलितों को लुभाने में जुटी कांग्रेस, 25 सितंबर को अंबेडकर भवन में महापंचायत
दलित समाज से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रदेश कांग्रेस और विभिन्न दलित संगठनों की ओर से 25 सितंबर (शनिवार) को अंबेडकर भवन में दलित महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस दिशा में तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दलित समाज से जुड़े मुददों को लेकर प्रदेश कांग्रेस और विभिन्न दलित संगठनों की ओर से शनिवार को अंबेडकर भवन में दलित महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस दिशा में तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। महापंचायत के संयोजक प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जयकिशन ने बताया कि इस महापंचायत में दिल्ली सहित अन्य राज्यों के दलित संगठनों के बुद्धिजीवियों के भी भाग लेने की संभावना है।
इसके लिए जगह जगह बैठकों का भी आयोजन किया जा रहा है। जयकिशन ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा लगातार की जा रही दलितों की अनदेखी, उनके अधिकारों में कटौती, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ तथा आए दिन दलित महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ महापंचायत करने का फैसला किया गया है।
उन्होने यह भी कहा कि दोनों ही सरकारें चुनावों के समय किए गए वायदे पूरा करने में भी असफल रही हैं। उन्होने कहा कि महापंचायत में दलितों के अधिकारों में कटौती, सफाई कर्मचारियों के साथ भेदभाव, उनकी पेंशन, बकाया वेतन देने व पक्का करने की मांग, पदोन्नति नही किए जाने तथा उनके अधिकारों के हनन की आवाज उठाई जाएगी।
बता दें कि पंजाब में कांग्रेस ने बड़ा फैसला लेते हुए वहां के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर दलित नेता और पार्टी विधायक चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है। पंजाब में दलितों की आबादी अधिक होने के नाते सभी दलों की नजर दलित वोट बैंक पर है। इस लिहाज से कांग्रेस का यह फैसला दलितों को लुभाने के तौर पर देखा जा रहा है।
ममता बिनानी को मिला एशियाई सम्मान
वहीं, द इंटरनेशनल वूमैंस इन्सोल्वेंसी एंड रिस्ट्रक्चरिंग कंफडरेशन (आइडब्ल्यूआइआरसी) ने चौथे वूमैन आफ द ईयर इन रिस्ट्रक्चरिंग (डब्ल्यूओवाइआर-एशिया) 2021 से ममता बिनानी को नवाजा है। यह अवार्ड वकील, न्यायाधीश, बैंकर, लेखाकार, प्रबंधक, पुनर्गठन सलाहकार और शिक्षाविद इत्यादि किसी भी पेशेवर के लिए खुला है।