Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा की नई रणनीति पर दिल्ली कांग्रेस असमंजस में, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से जुड़ा कनेक्शन

Kisan Andolan कृषि कानून विरोधी आंदोलन के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चे की नई रणनीति कांग्रेस के गले की फांस बनने जा रही है। जिस कांग्रेस ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया आज किसान नेता उसी की लोकप्रिय नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 08:01 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 10:08 AM (IST)
Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा की नई रणनीति पर दिल्ली कांग्रेस असमंजस में, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से जुड़ा कनेक्शन
Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा की नई रणनीति पर दिल्ली कांग्रेस असमंजस में, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से जुड़ा कनेक्शन

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपर और गाजीपुर) पर हरियाणा-पंजाब और यूपी समेत कई राज्यों के किसानों को धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच 26 जून को संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़े प्रदर्शन का एलान किया है। उधर, कृषि कानून विरोधी आंदोलन के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चे की नई रणनीति कांग्रेस के गले की फांस बनने जा रही है। जिस कांग्रेस ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया, आज किसान नेता उसी की लोकप्रिय नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। विडंबना यह कि दिल्ली कांग्रेस इसे लेकर असमंजस की स्थिति में घिरी हुई है।

वर्तमान व एक पूर्व पीएम को संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया तानाशाह

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने स्व. इंदिरा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों को ही तानाशाह करार देते हुए लोकतंत्र का गला घोंटने वाला बता दिया है। इसी कड़ी में मोर्चा 26 जून को आपातकाल के काले अध्याय का सच सामने लाने की तैयारी कर रहा है। मोर्चे को इसकी भी परवाह नहीं कि उसका यह कदम कांग्रेस को नागवार गुजर सकता है।

कांग्रेस नेता दे रहा अजब-गजब तर्क

जब इस संदर्भ में दिल्ली कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता से बात की गई कि उन्होंने बड़ा ही कूटनीतिक जवाब दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने किसानों के हित में एक मुद्दे को समर्थन दिया था। अब अगर कुछ किसान नेता इस मुद्दे से अलग अपनी कोई गतिविधि चलाते हैं तो यह कांग्रेस के समर्थन से परे है।

आलाकमान के स्तर पर ही लिया जाएगा कोई निर्णय

प्रदेश कांग्रेस के ही एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन दिल्ली का नहीं, बल्कि देशव्यापी है। इसे समर्थन देने का निर्णय पार्टी आलाकमान का था। ऐसे में अब अगर कहीं कोई विरोधाभास सामने आता है तो उसे लेकर भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) और आलाकमान के स्तर पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा। दिल्ली कांग्रेस की तरफ से न तो इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी किया जा सकता है और न ही आंदोलन में शामिल रहने अथवा न रहने को लेकर कोई फैसला किया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी