उड़ते रथ से रामलीला मंच पर पहुंचे सीएम केजरीवाल, रावण पर तीर चलाकर बोले जय श्रीराम

कोरोना ने भले ही दो वर्षो से पूरे विश्व में त्रहि-त्रहि मचा रखी है पर विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के साथ देश कोरोना पर विजय प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। ऐसे में इस बार दशहरा पर रावण दहन कोरोना पर भी विजय का प्रतीक बना।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 06:33 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 09:44 PM (IST)
उड़ते रथ से रामलीला मंच पर पहुंचे सीएम केजरीवाल, रावण पर तीर चलाकर बोले जय श्रीराम
रावण का पुतला जलाने के साथ इस महामारी से देश और पूरे विश्व को मुक्ति की कामना की गई।

नई दिल्ली [नेमिष हेंमत]। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार की शाम को उड़ते रथ पर सवार होकर रामलीला मंच पर जब आए हर ओर से जय श्री राम के नारे लगने लगे। इसके बाद रावण के पुतले पर तीर चलाकर असत्य पर सत्य की जीत का संदेश दिया। केजरीवाल ने शाम करीब सात बजे लालकिला स्थित लवकुश रामलीला समिति परिसर में रावण को मार कर लोगों को अच्छाई का संदेश दिया।

कोरोना रूपी रावण पर देश जल्द पाएगा विजय

बता दें कि कोरोना ने भले ही दो वर्षो से पूरे विश्व में त्रहि-त्रहि मचा रखी है, पर विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के साथ देश कोरोना पर विजय प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। ऐसे में इस बार दशहरा पर रावण दहन कोरोना पर भी विजय का प्रतीक बना। कश्मीरी गेट स्थित श्री नवयुवक रामलीला समिति की ओर से कोरोना रूपी रावण का पुतला जलाने के साथ इस महामारी से देश और पूरे विश्व को मुक्ति की कामना की गई।

विजयदशमी पर भी कोरोना महामारी एवं प्रदूषण की मार

वैसे, कोरोना महामारी के साथ ही प्रदूषण की मार से विजयदशमी पर परंपरागत रूप से जलने वाले पुतले भी अछूते नहीं हैं। इस वर्ष इनकी ऊंचाई छोटी रखी गई है तो पटाखे का प्रयोग भी नहीं होगा। कोरोना से पहले जहां हर वर्ष कश्मीरी गेट रामलीला में 50 फुट तक का रावण जलता था, वहीं इस बार इसकी अधिकतम ऊंचाई 20 फुट ही है। आयोजकों के मुताबिक ऐसा तैयारी के लिए काफी कम वक्त मिलने और राष्ट्रीय हरित टिब्यूनल (एनजीटी) के प्रदूषण रोकने लिए दिए आदेश के चलते हुआ है।

वहीं, कश्मीरी गेट रामलीला के मुख्य आयोजक और पूर्व महापौर जत्थेदार अवतार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश 100 करोड़ टीके के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर काफी कम है। इसलिए रामलीला का आयोजन संभव हो सका है। वहीं, हम चाहते हैं कि जल्द देश के साथ ही पूरे विश्व के लोगों को इस महामारी से मुक्ति मिल जाए, इसलिए कोरोना का पुतला जलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली वालों को डेंगू और चिकनगुनिया ने भी काफी परेशान किया हुआ है। इसलिए रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले को इन तीनों बीमारियों का प्रतीक बनाया गया है।

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