दिल्ली से लगी सीमाओं से खत्म हो किसानों का धरना, हिंसा के बाद भाजपा की मांग

मनोज तिवारी ने भी राजधानी में हुई हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर उपद्रव मचाने वाले ट्रैक्टर से पुलिस को कुचलने वाले ओर तिरंगे का अपमान करने वाले किसान नहीं हो सकते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 11:48 AM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 11:48 AM (IST)
दिल्ली से लगी सीमाओं से खत्म हो किसानों का धरना, हिंसा के बाद भाजपा की मांग
लालकिले पर केसरिया व किसान संगठन का झंडा फहराना देशवासियों का अपमान है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भाजपा ने ट्रैक्टर परेड के नाम पर उत्पात मचाने का विरोध किया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि राजधानी में हुई हिंसा से यह साबित होता है कि प्रदर्शनकारियों पर किसान नेताओं का कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पूरा आंदोलन कुछ राजनीतिक दलों द्वारा प्रयोजित है। उनके कार्यकर्ता माहौल खराब करने में लगे हुए थे और मंगलवार को उन्होंने परेड के नाम पर हिंसा की।

अब यह आंदोलन किसान नेताओं के हाथ से बाहर है। यदि प्रदर्शनकारियों पर उनका नियंत्रण होता तो राजधानी में इस तरह से हिंसा नहीं होती। अब उन्हें दिल्ली की सीमाओं से आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। इस आंदोलन से न सिर्फ दिल्ली बल्कि एनसीआर के अन्य शहरों के लोग भी परेशान हैं।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद और दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी राजधानी में हुई हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस पर उपद्रव मचाने वाले, ट्रैक्टर से पुलिस को कुचलने वाले ओर तिरंगे का अपमान करने वाले किसान नहीं हो सकते हैं। किसान नेताओं को विचार करना चाहिए कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती की है। पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि लालकिले पर केसरिया व किसान संगठन का झंडा फहराना देशवासियों का अपमान है।

जिनको अन्नदाता बुला रहे थे वह चरमपंथी निकले: भाजपा

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्र ने प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के हिंसक होने पर कहा कि इतने दिनों से उन्हें अन्नदाता के तौर पर देख रहे थे, वह अब चरमपंथी बन गए हैं। पात्र ने ट्वीट के साथ एक वीडियो साझा किया है जिसमें एक उपद्रवी तिरंगा नीचे फेंक रहा है और एक अन्य झंडा लगा रहा है। इसी तरह, एक अन्य भाजपा प्रवक्ता व सांसद सैयद जफर इस्लाम ने पूछा, ‘क्या भीड़ को आतंकवादी कहा जा सकता है? यह कितने शर्म की बात है कि भीड़ के हाथों बचने के लिए पुलिस वालों को दीवार से कूदना पड़ा और फिर भी संयम बरता।

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