दिल्ली में निजी क्षेत्र के लिए मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने की नीति को मंजूरी

केजरीवाल कैबिनेट ने प्राइवेट सेक्टर में मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाने की पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। केजरीवाल ने कहा कि यह पॉलिसी ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए निजी क्षेत्र को कई तरह से प्रोत्साहित करेगी।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 03:24 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 03:24 PM (IST)
दिल्ली में निजी क्षेत्र के लिए मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने की नीति को मंजूरी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश की राजधानी दिल्ली अब मेडिकल आक्सीजन के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली कैबिनेट ने मंगलवार को मेडिकल आक्सीजन प्रोडक्शन प्रमोशन नीति- 2021 को मंजूरी दे दी। यह नीति भविष्य में किसी भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली को मेडिकल आक्सीजन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है। इस बारे में सीएम ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि भविष्य में किसी भी मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए दिल्ली को मेडिकल आक्सीजन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाए। यह नीति आक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने, भंडारण सुविधाएं और आक्सीजन टैंकर स्थापित करने के क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को कई प्रोत्साहन प्रदान करती है।

यह दिल्ली में आक्सीजन की उपलब्धता में सुधार करने में मदद करेगी जो पिछली कोविड-19 लहर को संभालने में एक बड़ी बाधा बन गई थी। नीति के तहत बिजली सब्सिडी कमर्शियल उत्पादन शुरू होने की तारीख से पहले पांच वर्षों के लिए विनिर्माण प्रक्रिया में खपत 4 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से तरल आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों और गैर-कैप्टिव आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को उपलब्ध कराई जाएगी। संयंत्र के चालू होने के एक महीने के अंदर तरल आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों और गैर-कैप्टिव आक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को सकल एसजीएसटी की भरपाई की जाएगी।

ऐसे किया जाएगा अनुदान पर विचार

इस नीति की अधिसूचना की तारीख से 15 दिनों के अंदर सब्सिडी/प्रोत्साहन अनुदान के लिए आवेदन लिए जाएंगे। यदि आखिरी तिथि तक आवेदन तय लक्ष्य क्षमता से अधिक आते हैं, तो इसका चयन सभी पात्र आवेदनों का ड्रा करके किया जाएगा। यदि आवेदन करने वालों की क्षमता, लक्ष्य क्षमता से कम है, तो सभी आवेदनों पर विचार किया जाएगा। इसके बाद हर माह 15 दिन तक आवेदन लिए जाएंगे, जब तक कि लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता है। नीति की अधिसूचना जारी होने की तारीख से अधिकतम 6 माह तक आवेदन लिए जाएंगे।

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