Delhi Airport के नाम एक और उपलब्धि, टैक्सी बोट के इस्तेमाल से बना दुनिया में नंबर वन, जानें खासियत
विमानों को टर्मिनल से रन- वे व रन-वे से टर्मिनल तक की दूरी तय करने में टैक्सी बोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में टैक्सी बोट के उपयोग के कारण लगभग 2. 14 लाख लीटर हवाई इंधन (विमानों में इस्तेमाल होने वाला इंधन)की बचत हुई है।
नई दिल्ली [गौतम मिश्रा]। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) प्रबंधन द्वारा टैक्सी बोट का इस्तेमाल करना पर्यावरण व आर्थिक दृष्टि से काफी लाभकारी सिद्ध हो रहा है। यहां विमानों को टर्मिनल से रन- वे व रन-वे से टर्मिनल तक की दूरी तय करने में टैक्सी बोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में टैक्सी बोट के उपयोग के कारण लगभग 2. 14 लाख लीटर हवाई इंधन (विमानों में इस्तेमाल होने वाला इंधन) की बचत हुई है।
डायल के प्रवक्ता ने बताया बचत के साथ पर्यावरण का भी रखा जा रहा खयाल
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के प्रवक्ता ने बताया कि टैक्सी बोट के इस्तेमाल से न सिर्फ विमान में उपयोग होने वाले कीमती इंधन की बचत हो रही है, बल्कि इस इंधन के इस्तेमाल से एयरपोर्ट पर उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइआक्साइड में भी कमी आई है, जिसका सीधा लाभ आसपास के वातावरण को हुआ है। प्रदूषण में कमी आयी है। इससे 532 टन कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली। इसके साथ ही आइजीआइ एयरपोर्ट टैक्सी बोट के एक हजार मूवमेंट पूरा करने वाला विश्व में पहला एयरपोर्ट बन गया है।
यहां जाने क्या होता है टैक्सी बोट
बता दें कि टैक्सी बोट का उपयोग से विमान के इंजन को बिना चालू किये हुए इसे टो कर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है। यह टैक्सी बोट सेमी रोबोटिक वाहन होता है। जो विमान को उठा इसके नोज व्हील को जकड़ लेता है। इसमें विमान का इंजन चालू रखने की जरूरत नहीं होती। आइजीआइ एयरपोर्ट पर इस सुविधा की शुरुआत दो वर्ष पूर्व की गई थी। इस अवधि में संचालित टैक्सी बोट के एक हजार मूवमेंट पूरे हुए हैं।