दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम के लिए हर 2 हफ्ते में होगी ईपीसीए की बैठक

Delhi Air Pollution ईपीसीए के अधिकारी दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश और केंद्र के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 02:03 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 06:07 PM (IST)
दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम के लिए हर 2 हफ्ते में होगी ईपीसीए की बैठक
दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम के लिए हर 2 हफ्ते में होगी ईपीसीए की बैठक

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Air Pollution: सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण और पराली के धुएं पर अंकुश के लिए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (EPCA) की बृहस्पतिवार को अहम बैठक हुई। ईपीसीए के अधिकारियों ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रदूषण के मद्देनजर उठाए गए कदमों की समीक्षा की। इस तरह की समीक्षा हर 2 हफ्ते में होगी। इस समीक्षा बैठक में यह तय होगा कि हमें वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए क्या-क्या कदम उठाने हैं। किसान फसल की कटाई के बाद पराली नहीं जलाएं, इसके लिए कैसे प्रोत्साहन राशि देंगे। इस पर भी सुझाव मांगे गए।

बैठक में शामिल सुनीता नारायण (सदस्य, ईपीसीए) का कहना है कि वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में किसानों को पराली जलाने से रोकने और वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने पर चर्चा हुई। इसमें इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे किसानों पराली नहीं जलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। पराली जलाने पर रोक के लिए वह पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसानों में प्राथमिकता के आधार पर मशीनें बांटने पर भी चर्चा की गई। 

गौरतलब है हर साल अक्टूबर से पराली के धुएं की वजह से दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू प्रदूषण शुरू हो जाता है। राजनीतिक स्तर पर हंगामे और केंद्र व राज्य सरकारों के स्तर पर सख्ती के बावजूद पंजाब एवं हरियाणा के किसान पराली जलाने से बाज नहीं आते। इस साल कोरोना संक्रमण से लोग वैसे ही परेशान हैं। अगर पराली का धुआं भी दिल्ली एनसीआर में पहुंचा तो सांस के रोगियों को खासी दिक्कत झेलनी पड़ सकती है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए ईपीसीए ने पराली के धुएं से निपटने के लिए अभी से कमर कस ली है।

जुलाई के पहले सप्ताह में ही दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर उनसे उनकी तैयारी का ब्योरा मांग लिया गया है। सभी से उनका एक्शन प्लान भेजने को भी बोला गया है जिससे कि पता चल सके इस बार पराली न जले, यह कैसे सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा बृहस्पतिवार  को ईपीसीए ने उक्त चारों राज्यों के अधिकारियों संग समीक्षा बैठक भी रखी है। इसमें भी सर्दियों के मौसम में होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी पर चर्चा होगी। मालूम हो कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने भी सभी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो से 15 जुलाई तक अपना विंटर एक्शन प्लान जमा कराने का निर्देश दे रखा है। ---

chat bot
आपका साथी