आप ने सरकारी संस्थानों के नाम बदलकर महापुरुषों को किया अपमानित: विधायक विजेंद्र गुप्ता

रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि 12 ऐसे शिक्षण संस्थान जिनका नाम डा. बीआर अंबेडकर गुरु नानकदेव कस्तूरबा गांधी और जीबी पंत समेत कई महापुरुषों के नाम पर था उन्हें दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) कर दिया।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 03:06 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 03:06 PM (IST)
आप ने सरकारी संस्थानों के नाम बदलकर महापुरुषों को किया अपमानित: विधायक विजेंद्र गुप्ता
प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता। प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आप सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने संस्थानों के नाम बदलकर महापुरुषों को अपमानित किया है। उन्होंने कहा कि इससे हर उस नागरिक की भावनाओं को ठेस पहुंची है जो इन प्रेरणादायी शख्सियतों को अपने आदर्श के रूप में देखता है।

गुप्ता ने कहा कि 12 ऐसे शिक्षण संस्थान जिनका नाम डा. बीआर अंबेडकर, गुरु नानकदेव, कस्तूरबा गांधी और जीबी पंत समेत कई महापुरुषों के नाम पर था उन्हें दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) कर दिया। जब भाजपा ने इसको लेकर उपराज्यपाल से शिकायत की तो आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को नाम बदलने का फैसला वापस लेना पड़ा। गुप्ता ने बताया कि सात अगस्त को पत्र लिखकर आप सरकार के इस कृत्य की जानकारी उपराज्यपाल को दी थी।

इस पर उपराज्यपाल ने जब सरकार से जवाब मांगा तो सरकार ने नाम न बदलने का दावा किया। लेकिन, इस झूठे दावा का भी पर्दाफाश तब हो गया जब भाजपा ने इसके साक्ष्य उपराज्यपाल को उपलब्ध करा दिए। उपराज्यपाल की जांच में भाजपा के दावों को सही पाया गया। इतना ही नहीं डीएसईयू के आधिकारिक ब्रोशर में भी इसका उल्लेख किया गया है।

गुप्ता ने कहा कि उपराज्यपाल कार्यालय को गुमराह करने के दोषियों पर मामला दर्ज किया जाए। मुख्यमंत्री को इस मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। वहीं भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष भूपेंद्र गोठवाल व प्रदेश मंत्री सरदार इम्प्रीत सिंह बख्शी ने कि कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर व गुरु नानक देव जी के नाम से संस्थान का नाम बदलने के प्रयास से दलित समाज व सिख समाज में रोष है। उधर, दिल्ली सरकार से इस संबंध में पक्ष मांगा गया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

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