फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना में क्यों हो रही देरी? DCW ने केंद्र व दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस

दिल्ली में फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना के मुद्दे पर दिल्ली महिला आयोग ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 07:30 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 07:30 PM (IST)
फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना में क्यों हो रही देरी? DCW ने केंद्र व दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस
फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना में क्यों हो रही देरी? DCW ने केंद्र व दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस

नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने केंद्र और केजरीवाल सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने दोनों सरकारों से पूछा है कि आखिर राजधानी में फास्ट-ट्रैक (fast-track courts) अदालतों की स्थापना में देरी क्यों हो रही है। महिला आयोग ने कहा है कि दिल्ली के उन इलाकों में फास्ट-ट्रैक अदालतों की भारी कमी है जहां पर महिला उत्पीड़न के अधिकतर मामले सामने आते हैं।

महिला आयोग ने केंद्र और दिल्ली सरकार से राजधानी में चल रही फास्ट-ट्रैक अदालतों के विवरण मांगा है। इसके अलावा उन फास्ट-ट्रैक अदालतों का भी विवरण मांगा है जो सरकार की तरफ से स्वीकृत किये गए हैं। आयोग ने कानून विभाग के प्रधान सचिव, दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय से 13 दिसंबर तक ये जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।

मांगों को लेकर अनशन पर हैं DCW चीफ स्वाति

बता दें कि अपनी मांगों को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद दिल्ली के राजघाट के पास समता स्थल पर अनशन पर बैठी हैं। बुधवार को 9वें दिन भी उनका अनशन जारी रहा। अनशन शुरू करने से अब तक स्वाति का 5 किलो से अधिक वजन कम हो चुका है। देशभर से महिलाएं रोज स्वाति के समर्थन में राजघाट पहुंच रही हैं। सोशल मीडिया पर भी उन्हें भारी समर्थन मिल रहा है।

आठवें दिन स्वाति ने कहा कि अब तक उनका वजन पांच किलो से अधिक घट चुका है, लेकिन डॉक्टरों ने आज तक ऐसा पैमाना नहीं बनाया जिससे जुनून और जज्बे को नापा जा सके। यदि ऐसा होता तो उनका जुनून आज पहले दिन से भी ज्यादा मिलता। आठ दिन बाद भी सरकार इन मुद्दों पर बात करने को भी राजी नहीं है। वह भी इस देश की जिद्दी बेटी हैं और जब तक उनकी सारी मांगें सरकार मान नहीं लेती, वह अनशन ऐसे ही जारी रखेंगी।

ये हैं उनकी प्रमुख मांगें

निर्भया के कातिलों को तुरंत फांसी दी जाए। दुष्कर्म के दोषियों को हर हाल में छह महीने के अंदर फांसी का प्रावधान हो। देश में अतिरिक्त फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं। पुलिस संसाधन बढ़ाए जाएं एवं उनकी जवाबदेही तय की जाए।  हजारों करोड़ रुपये निर्भया फंड केंद्र सरकार के पास सालों से इकट्ठा हो रहा है, उसे भी केंद्र बांटे।

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