Hyderabad Doctor Murder Case: आरोपितों के एनकाउंटर के बाद भी जारी रहेगा स्वाति जयहिंद का अनशन

आरोपितों की एनकाउंटर में मौत के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद का आमरण अनशन भी शुक्रवार सुबह समाप्त हो गया।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 08:19 AM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 08:37 AM (IST)
Hyderabad Doctor Murder Case: आरोपितों के एनकाउंटर के बाद भी जारी रहेगा स्वाति जयहिंद का अनशन
Hyderabad Doctor Murder Case: आरोपितों के एनकाउंटर के बाद भी जारी रहेगा स्वाति जयहिंद का अनशन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के चारों आरोपितों की एनकाउंटर में मौत के बाद भी दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद का आमरण अनशन जारी रहेगा। 

इससे पहले लगातार तीसरे दिन भी बृहस्पतिवार  को स्वाति जयहिंद ने सुबह राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंची। यहां उन्होंने बापू को श्रद्धांजलि देने के बाद कुछ देर तक ध्यान किया। इसके बाद वह समता स्थल पर पहुंचीं। उनके समर्थन में सैकड़ों महिलाएं, युवतियां, स्कूली छात्रएं तक मौजूद हैं।

स्वाति ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, दिल्ली में हर दिन कम से कम तीन बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने निर्भया के दोषियों की उस याचिका को भी खारिज करने की अपील की है जिसमें दोषियों की ओर से राष्ट्रपति से राहत मांगने की अपील की गई है। साथ ही मांग की है कि 16 दिसंबर तक निर्भया के दोषियों को फांसी मिले।

स्वाति जयहिंदू का बार-बार यही कहना है जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक वे आमरण अनशन जारी रखेंगी। देश में बढ़ते महिलाओं के प्रति अत्याचार और दुष्कर्म के मामलों में कठोर फैसले लेने की जरूरत है। साथ ही स्वाति ने देश के लोगों से अपील की है कि वे राजघाट आकर उनके अनशन को समर्थन दें। वहीं, स्वाति ने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट कर कहा कि ये गूंगी सरकार हर रोज हो रहे रेप पर न कुछ बोलना चाहती है, न किसी की सुनना चाहती है। 3 दिन से मैं अनशन पे बैठी हूं, आंदोलन में हजारों महिलाएं रोज अपनी आवाज उठा रही हैं और सरकार चुप है।

स्वाति जयहिंदू ने तीन पेज के लिखे पत्र के जरिये पांच मुद्दों पर राष्ट्रपति से सहयोग मांगा है। उन्होंने लिखा है कि निर्भया के दोषियों को तत्काल फांसी पर लटका देना चाहिए। साथ ही दुष्कर्म मामलों में तीन माह के भीतर ही ट्रायल पूरा होना चाहिए और अन्य सभी प्रकार की अपील को अगले तीन माह के भीतर ही निपटा देना चाहिए।

दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक 

chat bot
आपका साथी