डीसीपीसीआर ने की बोर्ड परीक्षाएं टालने की मांग

आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना के 10 लाख से भी अधिक मामलें देखे गए। इसमें करीब पांच हजार से अधिक मौते हुई हैं।आयोग को छात्रों की सुरक्षा की अधिक चिंता हैं। दिल्ली में पांच लाख से अधिक बोर्ड के परीक्षार्थी हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 08:12 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 08:12 PM (IST)
डीसीपीसीआर ने की बोर्ड परीक्षाएं टालने की मांग
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, रीतिका मिश्रा। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को बोर्ड परीक्षाओं को टालने को लेकर पत्र लिखा है। आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना के 10 लाख से भी अधिक मामलें देखे गए। इसमें करीब पांच हजार से अधिक मौते हुई हैं। ऐसे में आयोग को छात्रों की सुरक्षा की अधिक चिंता हैं। दिल्ली में पांच लाख से अधिक बोर्ड के परीक्षार्थी हैं। सभी छात्रों के अभिभावक अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि आयोग ने सीबीएसई को छात्रों और उनके अभिभावकों की चिंता से अवगत कराया है और ये मांग की है कि परीक्षा या तो टाल दी जाए या मूल्यांकन के लिए कोई अन्य विकल्प अपनाया जाए।

जामिया ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा की रद

इधर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने पांच विभागों की पीएचडी प्रवेश परीक्षाएं रद कर दी हैं। जामिया ने यह फैसला कोरोना संक्रमण की बढ़ती गति को देखते हुए लिया है। प्रवेश परीक्षा 20 अप्रैल से होने वाली थी।  पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिला के लिए जिन छात्रों ने आवेदन किया है, उन्हें शुल्क वापस किया जाएगा। यह परीक्षा फैकल्टी आफ फाइन आर्ट, डिपार्टमेंट आफ अप्लायड केमेस्ट्री-फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग एंड टेक, सेंटर फार कल्चर मीडिया एंड गवर्नेंस, इंडिया अरब कल्चर सेंटर, सेंटर फार अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेंट एंड रिसर्च के लिए होनी थी। कोरोना से पीएचडी दाखिला प्रक्रिया में एक साल का विलंब हो चुका है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 की दाखिला प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है। गत वर्ष मार्च में जामिया ने दाखिला प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन लाकडाउन की वजह से आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ा दी गई थी।

दिल्ली विश्वविद्यालय में एक दर्जन से अधिक संक्रमित

वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विभिन्न विभागों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। रसायन विज्ञान, एंथ्रोपोलाजी, पर्यावरण विज्ञान समेत विभिन्न विभागों में इस समय एक दर्जन से अधिक सक्रिय मरीज हैं। इनमें शिक्षण और गैर शिक्षण स्टाफ शामिल है। हालात को देखते हुए डीयू ने वर्क फ्राम होम लागू कर दिया है। इससे अब 50 फीसद कर्मचारी ही कार्यालय आएंगे। डीयू प्रशासन ने बताया कि सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि कालेज और विभागों में सभी कक्षाएं आनलाइन ही चलेंगी। शोधार्थी विभागाध्यक्ष की निगरानी में कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए शोध कार्य पूरा करेंगे। अंतिम वर्ष के छात्रों को छोटे समूह में प्रयोगशाला, पुस्तकालय के उपयोग की इजाजत दी गई है। डीयू में ए श्रेणी के अधिकारी कार्यालय आते रहेंगे। कालेजों में प्राचार्य परिस्थितियों के अनुरूप शिक्षकों की उपस्थिति का निर्णय लेंगे। आम दिनों में 50 फीसद स्टाफ ही कार्यालय आएगा। दिल्ली विवि शिक्षक संघ अध्यक्ष राजिब रे ने बताया कि फरवरी में कालेजों में अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रयोगशाला का प्रयोग करने की अनुमति दी गई थी। शिक्षकों को भी कालेज आने के लिए कहा गया था। इस समय हर कालेज में दो से तीन शिक्षक संक्रमित हैं।

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