फरीदाबाद के इस शख्स ने केबीसी में जीते 6.40 लाख, बिग बी को भी बनाया फैन

अभिनय के शौकीन दविंदर सिंह शिल्पा शेट्टी, फराह खान, राजू हिरानी जैसी शख्सियतों के साथ काम कर चुके हैं। हालांकि, अमिताभ बच्चन से उनकी मुलाकात केबीसी के सेट पर ही हुई।

By Amit SinghEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 07:17 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 03:29 PM (IST)
फरीदाबाद के इस शख्स ने केबीसी में जीते 6.40 लाख, बिग बी को भी बनाया फैन
फरीदाबाद के इस शख्स ने केबीसी में जीते 6.40 लाख, बिग बी को भी बनाया फैन

फरीदाबाद (जेएनएन)। कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में पहुंचने वाले औद्योगिक नगरी फरीदाबाद के सेक्टर-28 निवासी इंजीनियर दविंदर सिंह के अनुसार उन्होंने स्वयं कई बड़े शो, गेम क्विज आदि यूनिवर्सिटी लेवल पर होस्ट किए हैं। बावजूद जब वह सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जैसी शख्सियत के समक्ष केबीसी की हॉट सीट पर बैठे तो पैर कांपने लगे। कुछ देर के लिए ब्रेक लेकर पानी पिया। तब गेम को आगे बढ़ाने के लिए कहा। दविंदर सिंह ने केबीसी में 6.40 लाख रुपये जीते हैं। वह गुरुग्राम में एक टेली शॉपिंग कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं।

दविंदर के समक्ष गुरुवार को 12.50 लाख रुपये का प्रश्न बैडमिंटन खेल से संबंधित था। इसके सही जवाब के बारे में पूरी तरह से निश्चित न होने पर उन्होंने क्विट करना बेहतर समझा। इस तरह उन्होंने 6.40 लाख रुपये जीते। बीएस अनंगपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने वाले सरदार दविंदर सिंह ने बताया कि केबीसी में जाने के लिए पिछले 18 साल से प्रयास कर रहे थे। किस्मत ने अब साथ दिया।

अभिनय के शौकीन हैं दविंदर सिंह

अभिनय के शौकीन दविंदर सिंह शिल्पा शेट्टी, फराह खान, राजू हिरानी जैसी शख्सियतों के साथ काम कर चुके हैं। हालांकि, अमिताभ बच्चन से उनकी मुलाकात केबीसी के सेट पर ही हुई। इसलिए जब वो हॉट सीट पर पहुंचे, तो लगे हाथ बिग-बी से उनकी फिल्म का कोई प्रसिद्ध संवाद सुनने की भी फरमाइश की। अमिताभ ने दीवार फिल्म का संवाद सुनाया।

इसलिए मुरीद हुए बिग बी

दविंदर अपने मित्रों संग सप्ताह में एक दिन ‘आप की रसोई’ चलाते हैं। इसके जरिए वह हर शनिवार को फरीदाबाद के सेक्टर-28 मेट्रो स्टेशन के पास लोगों को पांच रुपये में भरपेट भोजन कराते हैं। उनके इस अभियान से अमिताभ बच्चन काफी प्रभावित हुए। दविंदर सिंह ने शो के दौरान बताया कि पांच रुपये सिर्फ इसलिए लेते हैं, ताकि लोग भोजन की कद्र करें। मुफ्त में भोजन करने से ङिाझकने वाले लोग सम्मान के साथ खा सकें। वह जीती हुई रकम का कुछ हिस्सा अपने इस अभियान पर खर्च करेंगे। उनकी योजना आप की रसोई योजना को और मजबूत करने की है।

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