Delhi: हुमायूं के मकबरे में कब्र की पहचान दिलाएगी मुगल शहजादे को सम्मान

केंद्र सरकार द्वारा कब्र की खोज करने के लिए बनाई गई समिति के वरिष्ठ सदस्य डा. बी आर मणि और पद्मश्री डा के के मोहम्मद कहते हैं कि कब्र पहचाने को लेकर कोई रुकावट आएगी ऐसा कोई कारण नहीं है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 11:58 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 11:58 AM (IST)
Delhi: हुमायूं के मकबरे में कब्र की पहचान दिलाएगी मुगल शहजादे को सम्मान
केंद्र ने कब्र पर लगाई मुहर तो हुमायूं के मकबरे में दाराशिकोह को मिलेगा सम्मान

नई दिल्ली [वी.के.शुक्ला]। दाराशिकोह की कब्र पर केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी तो निजामुद्दीन स्थित हुमायूं के मकबरे में दाराशिकोह को सम्मान मिलेगा। इस मकबरे में दाराशिकोर की कब्र के बारे में सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके अलावा यहां पर उनकी जीवनी परिचय दिया जाएगा। उनके जन्मदिन और उनके निधन के दिन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मगर यह सब तभी हो सकेगा जब केंद्र सरकार उस कब्र पर मुहर लगा देगी, जिसे दाराशिकोह की कब्र के रूप में पहचाना गया है। बहरहाल इस मामले पर गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार के पास भेज दी है।

केंद्र सरकार द्वारा कब्र की खोज करने के लिए बनाई गई समिति के वरिष्ठ सदस्य डा. बी आर मणि और पद्मश्री डा के के मोहम्मद कहते हैं कि कब्र पहचाने को लेकर कोई रुकावट आएगी ऐसा कोई कारण नहीं है। आलमगीरनामा में मिले प्रणाण के आधार पर ही कब्र को पहचाना गया है। इस कब्र को लेकर इससे सटीक जानकारी दौर नहीं हो सकती है।

समिति के अधिकतर सदस्य इनका समर्थन करते हैं। जबकि समिति के सदस्य जमाल हसन की राय इनसे अलग है। वह सवाल उठाते हैं। उनका कहना है कि यह कैसे मान लिया जाए कि आलमगाीरनामा में जो कहा गया है वह सच है। उनका कहना है कि हुमायूं के मकबरे में जिन अबकर के दो बेटे डानियाल और मुराद के साथ दाराशिकोर की कब्र बताई जा रही है। उनका तर्क है कि डानियाल और मुराद का निधन मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में हुआ था। वहां से दिल्ली उनका शव कब लाया गया, इसके कोई प्रमाण नहीं हैं। इन लोगों की कब्रें बुरहानपुर में भी बनी हैं। उनका कहना है कि दाराशिकोह की कब्र को लेकर केवल आलमगीरनामा पर ही नहीं अन्य पुस्तकों पर भी बात की जानी चाहिए।

बता दें कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने दारा शिकोह की कब्र पर 11 जनवरी को मुहर लगा दी थी। कब्र का निरीक्षण करने पहुंची समिति के अधिकतर सदस्यों ने उसी कब्र को दारा की कब्र माना था जिसे निगम अभियंता संजीव कुमार सिंह दारा की कब्र होने का दावा कर रहे हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ठीक एक साल पहले जनवरी 2020 में हुमायूं के मकबरे में दफन दारा शिकोह की कब्र ढूंढने के लिए कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से संबंधित पूर्व अधिकारी व देश के बड़े पुरातत्वविद् शामिल हैं। दारा की 1659 में उनके छोटे भाई औरंगजेब ने हत्या करवा दी थी।

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