DU Cut off: कोटे पर भारी पड़ रही कटआफ, डीयू शिक्षकों ने भी जताई आपत्ति, सीटें खाली रहने की आशंका

डीयू की ओर से जारी पहली कटआफ से बड़ी संख्या में छात्र दाखिले को लेकर परेशान और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इस बीच कालेजों के प्राचार्य भी प्रवेश परीक्षा को एक विकल्प के रूप में देखने का सुझाव दे रहे हैं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 03:25 PM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 03:54 PM (IST)
DU Cut off: कोटे पर भारी पड़ रही कटआफ, डीयू शिक्षकों ने भी जताई आपत्ति, सीटें खाली रहने की आशंका
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की ओर से जारी पहली कटआफ। प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की ओर से जारी पहली कटआफ से बड़ी संख्या में छात्र दाखिले को लेकर परेशान और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इस बीच कालेजों के प्राचार्य भी प्रवेश परीक्षा को एक विकल्प के रूप में देखने का सुझाव दे रहे हैं। प्रवेश परीक्षा होने पर मूल्यांकन का पैमाना एक समान हो जाएगा।

हालांकि, नई शिक्षा नीति के तहत डीयू समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी कामन एंट्रेस टेस्ट (सीयूसेट) प्रस्तावित है। इसे इसी साल लागू करना था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते सीयूसेट को टाल दिया गया। डीयू के प्रस्ताव में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले का आधार 50 फीसद प्रवेश परीक्षा के अंक और 50 फीसद बारहवीं के अंक हैं।

दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा बेहतर विकल्प

दिल्ली विश्वविद्यालय के पहले कटआफ ने वैसे तो हर श्रेणी के छात्र को चिंता में डाल दिया है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों के लिए आरक्षित सीटों पर एक बार फिर संकट मंडराने लगा है। क्योंकि पिछली बार भी इस कोटे की सीटों को भरने के लिए काफी जद्दोजहद हुई थी। इस बार भी स्थिति सामान्य नहीं रहने वाली। इस कोटे की सीटों पर कटआफ कम करने की बातें एक बार फिर होने लगी हैं। क्योंकि इस कोटे का कटआफ काफी ऊंचा जारी हुआ है। डीयू शिक्षकों ने इसपर आपत्ति के साथ ही सीटें खाली रहने की आशंका जताई है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन प्रभारी डा. हंसराज सुमन का कहना है कि डीयू में ईडब्ल्यूएस के तहत 10 हजार सीटें आरक्षित हैं। गत वर्ष भी इन सीटों को भरने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। इस बार भी पहला कटआफ देखकर यही लगता है कि कालेज इन सीटों को भरने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

स्टूडेंट में प्रवेश को लेकर छायी मायूसी 

भाविका ने बताया कि बेस्ट आफ फोर में मेरे 95.5 फीसद अंक हैं। मैं लेडी श्रीराम कालेज से बीए इकोनामिक्स पढ़ना चाहती हूं, लेकिन जिस तरह ऊंचा कटआफ जारी हो रहा है, ऐसा लगता है कि दाखिला मुश्किल है। मैंने एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी के तहत भी आवेदन किया है। दाखिले के लिए फिलहाल इंतजार ही कर सकती हूं।

हर्षिता ने बताया कि बेस्ट आफ फोर में मेरे 93.6 फीसद अंक हैं। मैं बारहवीं में बहुत अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पाई थी। अगर प्रवेश परीक्षा होती तो शायद तस्वीर कुछ और होती। फिलहाल जिस तरह से ऊंचे कटआफ जारी हुए हैं, उसे देख तो दाखिले पर संशय के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं।

कटआफ को लेकर क्या बोले कॉलेज प्राचार्य

रामानुजन कालेज के प्राचार्य प्रो. एसपी अग्रवाल ने बताया कि जिस तरह कालेजों ने ऊंचा कटआफ जारी किया है, उसे देखते हुए प्रवेश परीक्षा बेहतर विकल्प है। हाल के वर्षो में सीबीएसई समेत विभिन्न बोर्ड छात्रों को अधिक नंबर देने लगे हैं। प्रवेश परीक्षा होगी तो एक समान पैमाना कटआफ कम करने में मददगार साबित होगा।

हंसराज कालेज प्राचार्य प्रो. रमा का कहना है कि अब यह सोचने का समय आ गया है कि सौ फीसद कटआफ के बाद क्या करना है। छात्र अधिक नंबर हासिल कर रहे हैं और इस कारण कालेजों को कटआफ ऊंचा जारी करना पड़ रहा है। कटआफ कम करने के लिए प्रवेश परीक्षा बहुत जरूरी है।

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