सीटीआइ के सर्वे में आया था सामने, दिल्ली के व्यापारी भी चाहते थे एक और सप्ताह का लॉकडाउन

400 में से 240 संगठनों का कहना था कि दिल्ली में लाकडाउन को एक हफ्ते और आगे बढ़ाया जाना चाहिए। खुले औद्योगिक क्षेत्र सर्वे में दिल्ली के 28 औद्योगिक क्षेत्रों के फैक्ट्री मालिकों ने भी हिस्सा लिया। लगभग 80 फीसद फैक्ट्री मालिकों का कहना था कि बढ़ाया जाना ठीक है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 12:46 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 12:46 PM (IST)
सीटीआइ के सर्वे में आया था सामने, दिल्ली के व्यापारी भी चाहते थे एक और सप्ताह का लॉकडाउन
चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के सर्वे में सामने आया व्यापारी लाकडाउन हटाने के हक में नहीं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना की भयावह स्थिति में सुधार आने लगा है। संक्रमण और मौतों की दर कम हो रही है तो भी दिल्ली के ज्यादातर व्यापारी लाकडाउन हटाने के हक में नहीं हैं। यह तथ्य चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के सर्वे में सामने आया है। सर्वे के अनुसार तकरीबन 60 फीसद व्यापारी संगठन लाकडाउन को एक सप्ताह और बढ़ाने के हक में हैं। उनके मुताबिक जब तक संक्रमण की दर पांच फीसद के नीचे न आ जाए तब तक बाजारों को खोलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, वरना हालात फिर से बुरे हो सकते हैं।

वैसे, सर्वे में करीब 35 फीसद कारोबारी संगठनों ने कहा है कि लाकडाउन को खत्म कर देना चाहिए और हफ्ते में तीन दिन या इवेन-आड के रूप में बाजारों को खोलने की अनुमति देनी चाहिए।दिल्ली सरकार ने संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए पिछले माह 20 अप्रैल से लाकडाउन लगाया हुआ है। हालांकि, तब इसे एक सप्ताह के लिए ही लगाया गया था, लेकिन हालात में सुधार न होते देखे इसे हर सप्ताह बढ़ा दिया जाता है। मौजूदा लाकडाउन की मियाद 17 मई की सुबह तक है। सीटीआइ के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार हर हफ्ते स्थिति की समीक्षा करके हफ्तावार लाकडाउन लगाने का निर्णय ले रही है।

अब सोमवार सुबह लाकडाउन की अवधि समाप्त हो रही है। इसलिए हमने दिल्ली के तमाम व्यापारियों के बीच यह जानने के लिए सर्वे कराया कि वे आगे क्या चाहते हैं। इस सर्वे में दिल्ली के 400 से ज्यादा व्यापारी संगठनों ने हिस्सा लिया। इसमें मार्केट व उद्योग संगठनों के साथ होटल, रेस्त्रां, ब्यूटी व वेलनेस एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। सर्वे में कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, खारी बावली, करोलबाग, कमला नगर, राजौरी गार्डन, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, शाहदरा, गांधी नगर, लक्ष्मी नगर, रोहिणी, पीतमपुरा, जनकपुरी, मालवीय नगर, द्वारका, ग्रेटर कैलाश आदि बाजारों के व्यापारियों ने हिस्सा लिया।

सीटीआइ के महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि इन 400 में से 240 संगठनों का कहना था कि दिल्ली में लाकडाउन को एक हफ्ते और आगे बढ़ाया जाना चाहिए। खुले औद्योगिक क्षेत्र सर्वे में दिल्ली के 28 औद्योगिक क्षेत्रों के फैक्ट्री मालिकों ने भी हिस्सा लिया। लगभग 80 फीसद फैक्ट्री मालिकों का कहना था कि औद्योगिक क्षेत्रों में आम लोगों की आवाजाही बिल्कुल नहीं होती है और वहां कोरोना संक्रमण का खतरा कम होता है। इसलिए दिल्ली में जरूरी और गैर जरूरी सामान समेत सभी तरह की फैक्टि्रयों को खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए।सीटीआइ के पदाधिकारियों के अनुसार वे इन सभी सुझावों की रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेंगे।

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