Covid 3rd Wave: क्या तीसरी लहर आएगी और इसके लिए राजधानी कितनी तैयार है? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
फिलहाल कोरोना संक्रमण काफी कम है। इसे देखते हुए सरकार की तरफ से कई प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। अब मेट्रो पूरी क्षमता के साथ शुरू हो रही है। लेकिन इसके साथ तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने की तैयारियां भी की जा रही हैं।
नई दिल्ली [स्वेदश कुमार]। कोरोना की पहली और दूसरी लहर झेल चुके राजधानी के लोग अब तीसरी लहर को लेकर आशंकित हैं। फिलहाल कोरोना संक्रमण काफी कम है। इसे देखते हुए सरकार की तरफ से कई प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। अब मेट्रो पूरी क्षमता के साथ शुरू हो रही है। लेकिन, इसके साथ तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने की तैयारियां भी की जा रही हैं। अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं। ढांचागत विकास किए जा रहे हैं। क्या तीसरी लहर आएगी और इसके लिए राजधानी कितनी तैयार है? इन सब मुद्दों पर दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना के केंद्र लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. सुरेश कुमार से स्वदेश कुमार ने लंबी बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश : -
क्या कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाएं सही हैं, आप इसे कैसे देखते हैं?
तीसरी लहर हमारे और वायरस के व्यवहार पर निर्भर करती है। अगर वायरस में म्यूटेशन नहीं हुआ और लोग नियमों का पालन करने के साथ-साथ अधिक से अधिक संख्या में टीकाकरण करवाते हैं तो हम तीसरी लहर के प्रकोप को काफी कम कर सकते हैं। अभी कई देशों में डेल्टा प्लस वैरियंट चिंता का सबब बना हुआ है। ये टीकाकरण करा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है। यह काफी संक्रामक भी है। यानी तेजी से संक्रमण फैलता है। इसलिए जरूरी है कि हम लोग कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करें। इसे फैलने न दें।
तीसरी लहर को लेकर किन तैयारियों की जरूरत है। क्या आप अब तक की गई तैयारियों को समुचित मानते हैं?
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशानुसार सभी अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं। लोक नायक अस्पताल में हमने एक हजार आइसीयू बेड बढ़ा दिए हैं। आक्सीजन स्टोरेज के साथ उत्पादन की क्षमता बढ़ा दी गई है। अब तक चार संयंत्र लग चुके हैं और एक लगने जा रहा है। इनमें एक की क्षमता करीब दो हजार लीटर प्रति मिनट की है और अन्य की एक हजार लीटर प्रति मिनट की। तीसरी लहर में अगर मामले बढ़ते हैं तो उसे निपटने की तैयारियां की जा रही हैं।
दूसरी लहर में आक्सीजन के साथ आइसीयू बेड की कमी पड़ गई थी। अब अगली लहर में इस कमी को दूर करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी लहर में हमारे पास आक्सीजन की कमी हो गई थी। इससे सीख लेते हुए हमने उत्पादन क्षमता बढ़ा दी है। आक्सीजन के बेड को पाइपलाइन से जोड़ दिया गया है। इसके अलावा ढांचागत विकास भी लगातार हो रहे हैं। बाइपैप और वेंटिलेटर बढ़ा दिए गए हैं जो कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए जरूरी हैं। इसके साथ हमें दवाओं का भी इंतजाम कर लिया है।
लोकनायक अस्पताल दिल्ली सरकार का सबसे प्रमुख अस्पताल है। यहां बच्चों के इलाज के लिए 150 बेड का आइसीयू तैयार हो रहा था, उसकी क्या प्रगति है?
हम लोग बच्चों के आइसीयू के 150 बेड तैयार कर रहे हैं। पहले अस्पताल में 10 बेड थे। इसे बढ़ाकर 50 किया जा चुका है। इसके अलावा बच्चों के सौ आइसीयू बेड रामलीला मैदान में बने अस्थायी अस्पताल में तैयार किए जा रहे हैं।
लोकनायक अस्पताल ने बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों का इलाज किया है, यदि तीसरी लहर आती है तो यहां अधिकाधिक मरीजों को भर्ती किए जा सकते हैं। इसके लिए क्या विशेष तैयारी की गई है?
लोकनायक अस्पताल में अब तक सबसे ज्यादा 20 हजार कोरोना मरीजों का इलाज किया जा चुका है। हम तीसरी लहर में मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। मरीजों को आक्सीजन बेड, आइसीयू बेड और दवाओं का इंतजाम कर लिया गया है। हम लोग पूरी तरह से अगल चुनौती के लिए तैयार हैं।