COVID III Wave: क्या दिल्ली पर फिर मंडरा रहा कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा
Covid 3rd Wave एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर व महामारी विद डा. संजय राय ने कहा कि चीन रूस व यूरोप के कुछ देशों में संक्रमण बढ़ने से अभी देश में संक्रमण बढ़ने का खतरा नहीं है। लेकिन सरकार व विज्ञानियों को सतर्क रहना होगा।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना की तीसरी लहर से भारत अभी तक बचा हुआ है। इस बीच चीन, रूस सहित कई देशों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण से यहां भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या कोरोना का कोहराम दिल्ली सहित पूरे देश में एक बार फिर बढ़ सकता है? लोग थोड़े आशंकित भी हो गए हैं। लेकिन, विशेषज्ञ इसे देश के लिए खास खतरा नहीं मान रहे हैं। एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर व महामारी विद डा. संजय राय ने कहा कि चीन, रूस व यूरोप के कुछ देशों में संक्रमण बढ़ने से अभी देश में संक्रमण बढ़ने का खतरा नहीं है। लेकिन, सरकार व विज्ञानियों को सतर्क रहना होगा, क्योंकि कोरोना वायरस के स्वरूप में कोई बड़ा बदलाव होने पर ही संक्रमण बढ़ने का खतरा है।
देश की बड़ी आबादी हो चुकी है संक्रमित
डा. राय ने कहा कि जहां बड़ी आबादी पहले संक्रमित हो चुकी है वहां अब ज्यादा संक्रमण नहीं बढ़ेगा, लेकिन जिस जगह अभी तक अधिक लोग संक्रमित नहीं हुए हैं वहां कोरोना की लहरें रुक-रुक आती रहेंगी। देश में ज्यादातर लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसलिए अब यहां अधिक फर्क नहीं पड़ने वाला है। चीन कोरोना के संक्रमण का ठीक से रिपोर्ट नहीं करता। यह देखा गया है कि प्राकृतिक संक्रमण ही कोरोना की नई लहर से बचाव में सक्षम है।
टीका है काफी कारगर
कोरोना जैसी महामारी में सख्त लाकडाउन जैसे उपायों से उसे कुछ समय तक बचा जा सकता है, जिससे संक्रमण फैलने में थोड़ी देर हो सकती है लेकिन उसे टाल पाना मुश्किल होता है। टीका भी गंभीर बीमारी से बचाव व मौत को कम करने में ही ज्यादा कारगर है। सिंगापुर में 78 फीसद लोगों का टीकाकरण पूरा होने के बावजूद पिछले दो माह में कोरोना के मामले अधिक आए हैं। यहां दूसरी लहर में ज्यादातर लोगों को प्राकृतिक संक्रमण होने के साथ-साथ अब 18 साल से अधिक उम्र के करीब 77 फीसद लोगों को कम से कम एक डोज टीका व करीब 33 फीसद आबादी को दोनों डोज टीका लग चुका है। इस लिहाज से हर तीसरे व्यक्ति का टीकाकरण पूरा हो गया है। जल्द ही टीकाकरण का यह दायरा और बड़ा हो जाएगा। इसलिए देश में अब सब कुछ सामान्य हो जाना चाहिए, लेकिन वायरस की निगरानी जरूरी है। क्योंकि कोई ऐसा नया खतरनाक स्ट्रेन आ जाए जो प्राकृतिक संक्रमण से मिली प्रतिरोधकता पर हावी होकर दोबारा लोगों को संक्रमित करने लगे और टीके को भी बेअसर कर दे तभी देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ पाएगा। दिल्ली में भी चार माह से कोरोना इसलिए ही नियंत्रित है क्योंकि यहां 75 से 80 फीसद लोगों को संक्रमण हो चुका है।
त्योहारों के बाद बढ़ते मामलों पर रखनी होगी नजर
कोरोना पर गठित एनटागी (नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्यूनाइजेशन) के कार्य समिति के चेयरमैन डा. एनके अरोड़ा ने कहा कि रूस में हाल के दिनों में वे लोग कोरोना से पीडि़त हुए हैं, जिन्हें टीका नहीं लगा है और डेल्टा वायरस का संक्रमण है। कोई नया स्ट्रेन सामने नहीं आया है। इसलिए भारत में स्थिति ठीक ही रहने की संभावना है। जीनोम सिक्वेंसिंग को तेज रखना होगा, ताकि त्योहारों के बाद यदि मामले बढ़ते हैं तो यह पता चल सके कि कोई नया स्ट्रेन तो नहीं आया। दशहरा को बीते 10 दिन हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल सहित एक-दो जगहों पर थोड़े मामले बढ़े हैं लेकिन अन्य जगहों पर अभी तक खास मामले नहीं बढ़े हैं।