Covid 3rd wave Alert: नाजायज नहीं है एतराज, अगली लहर को दावत दे रहे बाजार
लोग बिना मास्क और शारीरिक दूरी के दिख रहे हैं। करोलबाग राजेंद्र नगर जैसे बाजारों की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। कनाट प्लेस के गलियारों में भी यह लापरवाही है। हालांकि एनडीटीए के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि जहां लापरवाही ज्यादा है। वहां कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। राष्ट्रीय राजधानी के बाजारों में कोरोना बचाव के नियमों के पालन पर हो रही हीलाहवाली पर हाई कोर्ट का एतराज नाजायज नहीं है। ज्यादा पुरानी बात नहीं है। पिछले वर्ष दीपावली के दौरान इसी तरह की लापरवाही और भीड़भाड़ देखने को मिली थी, जिसका नतीजा अक्टूबर के अंतिम में कोरोना की पिछली लहर से देखने को मिली थी। इसी तरह मार्च की खरीदारी के दौरान भी जमकर बाजारों में लापरवाही हुईं, जिसका खामियाजा मौजूदा लहर के तौर पर भुगतना पड़ रहा है। इसके बाद भी हम नहीं चेते हैं और अगली लहर को दावत दे रहे हैं।
सरकार अगली लहर के आने का कर रही दावा
यह स्थिति तब है जब सरकार और स्वास्थ्य के जानकार अक्टूबर-नबंबर माह में अगली लहर का दावा कर रहे हैं। हालांकि, दुकानदार इस लापरवाही का ठीकरा सीधे पुलिस-प्रशासन पर फोड़ रहे हैं। उनके मुताबिक अगर बाजार खुलने के साथ नियमों के पालन को लेकर सख्ती की जाती तो इस तरह से हाई कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना पड़ता।
चालान काटने से लोगों में होगा डर
चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने कहा कि दुकानदार नियमों के पालन की भरसक कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राह चलते लापरवाही पर कार्रवाई का काम प्रशासन और दिल्ली पुलिस का है। अगर वह चालान नहीं काटेंगे तो लोग नहीं डरेंगे।
इन बाजारों में दिख रही ज्यादा लापरवाही
बता दें कि दिल्ली में सात जून से बाजारों को आड-इवेन फार्मूले के साथ खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई तो 14 जून से पूरी तरह से कारोबारी गतिविधियां शुरू हो गई है। इसके साथ ही लापरवाही के मामले ज्यादा हो गए हैं। सदर बाजार, चांदनी चौक, खारी बावली, कश्मीरी गेट, चावड़ी बाजार, मटिया महल, चितली कबर व दरियागंज बाजारों में लापरवाही के मामले ज्यादा है।
लोग नहीं कर रहे शारीरिक दूरी का पालन ना ही लगा रहे मास्क
लोग बिना मास्क और शारीरिक दूरी के दिख रहे हैं। करोलबाग, राजेंद्र नगर जैसे बाजारों की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। कनाट प्लेस के गलियारों और पार्कों में भी यह लापरवाही है। हालांकि, नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (एनडीटीए) के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि जहां लापरवाही ज्यादा है। वहां कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि इसपर हाई कोर्ट का कोई सख्त रुख रहता है तो उसका खामियाजा कनाट प्लेस के दुकानदारों को भी भुगतना पड़ेगा।
दुकानदारों ने दिया सुझाव खुदरा व थोक बाजारों को खुलने की अवधि अलग-अलग हो मामला न संभले तो आड-इवेन के माध्यम से दुकानें खोलने की अनुमति मिले