COVID-19 : अन्य राज्यों में आक्सीजन की उपलब्धता की जांच करे केंद्र सरकार: हाई कोर्ट

पीठ ने दिल्ली के अस्पतालों में आक्सीजन की सप्लाई करने वाली फर्म आइनाक्स को तत्काल दिल्ली के अस्पतालों में सप्लाई दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि फर्म अपने कान्ट्रैक्ट का सम्मान करे और अस्पतालों में आक्सीजन की सप्लाई करे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:02 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 09:02 AM (IST)
COVID-19 : अन्य राज्यों में आक्सीजन की उपलब्धता की जांच करे केंद्र सरकार: हाई कोर्ट
मरीजों के लिए खाली बेड की सूची उपलब्ध कराने के साथ आक्सीजन की कमी के मामले को तत्काल देखे केंद्र

 नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हजारों की संख्या में हर दिन आ रहे कोराेना मरीजों के कारण अस्पतालों में बेड के साथ ही आक्सीजन की कमी के मामले को दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। निस्तारित की जा चुकी एक याचिका पर दोबारा सुनवाई शुरू करते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने केंद्र सरकार को अन्य राज्यों में आक्सीजन की उपलब्धता की जांच करने का निर्देश दिया, ताकि जरूरी क्षेत्रों में उपलब्ध कराया जा सके। पीठ ने यहां तक कहा कि यह स्पष्ट कि स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा ढह चुका है। साथ ही केंद्र सरकार को अस्पतालों में आक्सीजन की कमी के मामले को तत्काल देखने को भी कहा। पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार को कहा कि हलफनामा दायर कर कोरोना मरीजों के लिए खाली बेड की जानकारी के साथ अस्पताल वार सूची उपलब्ध कराएं। मामले में सुनवाई मंगलवार को जारी रहेगी।

याचिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा की याचिका पर पीठ ने कहा कि केंद्र व दिल्ली सरकार हलफनामा में यह भी बताये कि कितने बेड के साथ वेंटीलेटर व आक्सीजन की सुविधा है और कितने के साथ नहीं। केंद्र सरकार यह भी बताये कि उसके द्वारा दिल्ली सरकार को कितने कोरोना बेड आइसीयू व आक्सीजन के साथ और कितने आइसीयू व आक्सीजन के बगैर आवंटित किए गए हैं।

पीठ ने दिल्ली के अस्पतालों में आक्सीजन की सप्लाई करने वाली फर्म आइनाक्स को तत्काल दिल्ली के अस्पतालों में सप्लाई दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि फर्म अपने कान्ट्रैक्ट का सम्मान करे और अस्पतालों में आक्सीजन की सप्लाई करे। यह निर्देश तब आया जब पीठ को बताया गया कि उक्त फर्म दूसरे राज्यों में आक्सीजन की सप्लाई करने के कारण दिल्ली में सप्लाई नहीं कर रही है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल मोनिका अरोड़ा ने कहा कि आक्सीजन सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कुछ कदम उठाए गए हैं। उन्हाेंने कहा कि बेड की उपलब्धता की जानकारी हलफनामा में दी जाएगी।

लैब पर कार्रवाई को न करें लागू

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा ने पीठ को बताया कि 24 घंटे के अंदर कोरोना टेस्ट की जांच रिपोर्ट नहीं देने वाली लैब के खिलाफ कार्रवाई करने के दिल्ली सरकार के आदेश के कारण लैब ने सैंपल लेना बंद कर दिया है। इस पर पीठ ने कहा यह ठीक नहीं है और अगर ऐसा आदेश लागू हुआ है तो इसे लागू न किया जाए। पीठ ने हालांकि, लैब संचालकों से कहा कि वे अपना ईमानदारी से करें। दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा ने इस दौरान पीठ को बताया कि वर्तमान स्थिति में सरकार लैब पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहती। वह ऐसा कुछ नहीं करेगी जिससे गतिरोध पैदा हो।

पिछले साल के लाकडाउन से कुछ नहीं सीखा

पीठ ने प्रवासी नागरिकों की समस्या पर केंद्र व दिल्ली सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पिछले साल के लाकडाउन में सरकारें नाकाम रही थी और पिछली साल के सबक से अब भी हमें सीखने की जरूरत है। पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वे प्रवासी नागरिकों को कार्यस्थल पर भोजन उपलब्ध कराएं। पीठ ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आदेश को तत्काल लागू करने का भी आदेश दिया।

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