Vaccine Shortage News: दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के लिए बुरी खबर, कोवैक्सीन हुई खत्म; डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बोले- ग्लोबल टेंडर निकालेंगे
Vaccine Shortage News कंपनी ने कहा है कि केंद्र सरकार जितना बताएगी। हम उतना ही दे सकते हैं। दिल्ली में कोवैक्सीन समाप्त हो गई है। 15 स्कूलाें में 100 सेंटर बंद आज से बंद हो गए हैं। केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वैक्सीन का निर्यात बंद किया जाए।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की धीमी पड़ती रफ्तार के बीच मरीजों में भी कमी आने लगी है। मंगलवार को 24 घंटे के दौरान 12,481 नए मामले सामने आए जो कि पिछले एक महीने में सबसे कम हैं। इस बीच भारत बायोटेक लिमिटड की ओर से कहा गया है कि दिल्ली को फिलहाल कोवैक्सीन नहीं दे सकते। यह जानकारी दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार टीका पाने के लिए वैश्विक टेंडर जारी करेगी,, क्योंकि आने वाले दिनों में वैक्सीन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि हमने दोनों कंपनियों काेवैक्सीन से 67 लाख और काेविशील्ड से भी 67 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया था। कंपनी ने मंगलवार को हमें पत्र भेजा है कि हम काेवैक्सीन नहीं दे सकते हैं। कंपनी ने कहा है कि केंद्र सरकार जितना बताएगी। हम उतना ही दे सकते हैं। दिल्ली में कोवैक्सीन समाप्त हो गई है। 15 स्कूलाें में 100 सेंटर बंद बुधवार से बंद हो गए हैं। केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वैक्सीन का निर्यात बंद किया जाए। केंद्र हमें वैक्सीन दे। केंद्र हमसे कह रहा है कि वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर निकालें, हम निेकालेंगे। मगर केंद्र अपनी जिम्मेदारी लेकर दिल्ली को वैक्सीन उपलब्ध कराए।
इससे पहले सोमवार को डिजिटल पत्रकार वार्ता के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से टीका बनाने का फॉर्मूला सार्वजनिक करने की अपील की। पीएम मोदी को लिखे पत्र में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश में अभी केवल दो कंपनियां कोरोना वैक्सीन बना रहीं हैं, अगर टीका बनाने का फॉर्मूला दूसरी कंपनियों को मिल जाएगा तो तेजी से उत्पादन हो सकेगा। लोगों को तीसरी लहर आने से पहले और जल्द ही वैक्सीन लगा दी जाएगी।
अरविंद केजरीवाल ने पत्र में गुजारिश की है कि केंद्र सरकार टीके का फॉर्मूला लेकर उन सभी कंपनियों को दे, जो सुरक्षित तरीके से वैक्सीन बना सकती हैं। केंद्र के पास ऐसा करने की शक्ति है। वह देश के पेटेंट कानून का इस्तेमाल करके वैक्सीन के उत्पादन का एकाधिकार खत्म कर सकती है। रॉयलटी के तौर पर उन दोनों कंपनियों को भुगतान किया जा सकता है।
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