कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा सिर्फ बिस्तर बढ़ाना पर्याप्त नहीं, डाक्टर और कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाएं

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने जब कहा कि पहले से स्थिति काफी बेहतर है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने पूछा आक्सीजन बेड खाली हैं। मेहरा ने हां में जवाब दिया तो पीठ ने कहा कि निश्चित रूप से आश्चर्यजनक है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 02:36 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 02:36 PM (IST)
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा सिर्फ बिस्तर बढ़ाना पर्याप्त नहीं, डाक्टर और कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाएं
अदालत ने कहा कि इस दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार द्वारा मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में आक्सीजन बेड खाली होने का दावा करने पर हाई कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्ति किया। हालांकि पीठ ने सरकार के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ बेड बढ़ाना ही पर्याप्त नहीं होगा। आपके पास डाक्टर और अन्य कर्मचारी भी होने चाहिए। अदालत ने कहा कि इस दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत है।

दरअसल, सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने जब कहा कि पहले से स्थिति काफी बेहतर है और अब काफी तादाद में बेड खाली हैं। इस पर न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने उत्सुकता से पूछा आक्सीजन बेड खाली हैं। इस पर जब मेहरा ने हां में जवाब दिया तो पीठ ने कहा कि यह निश्चित रूप से आश्चर्यजनक है। मेहरा ने यह भी बताया कि 500 बेड शनिवार को बढ़ाए गए हैं और जीटीबी अस्पताल में सुविधा बढ़ी है। उन्होंने यह भी बताया कि 500 आइसीयू बेड और बढ़ाए जा रहे हैं।

बेड के साथ डाक्टर और कर्मचारी बढ़ाने के सुझाव पर मेहरा ने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार गंभीर है और इस पर काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि स्थिति यह है कि अगर डाक्टर और दवा है तो सहायक के बगैर उन्हें समस्या हो रही है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी से लेकर दूसरे अन्य कर्मचारी भी कोरोना मरीज के पास जाने से डरते हैं। दो दिन तक नहीं बदले जाते बुजुर्ग नागरिकों के डायपरकोर्ट मित्र राजशेखर राव ने कहा कि सील वार्ड में कोरोना मरीजों के लिए कुछ व्यवस्था करनी होगी। दो-दो दिन तक बुजुर्ग नागरिकों के डायपर नहीं बदले जाने जैसी बातें मैंने सुनी हैं।

मरीजों की मदद के इच्छुक परिवार के सदस्य को दी जानी चाहिए अनुमति

अस्पतालों में बुजुर्ग और बिस्तर पर रहने वाले मरीजों को देखने के लिए सहायक नहीं होने का मामला सामने आने पर पीठ ने अहम सुझाव दिया। पीठ ने कहा कि मरीजों की मदद के इच्छुक परिवार के सदस्यों को अस्पताल में आने की अनुमति दी जानी चाहिए। डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस ने पीठ को बताया कि हर मरीज का ध्यान रखने की कोशिश की जाती है।

उन्होंने पीठ को बताया कि 12 साल के बच्चों की मां को आने की अनुमति दी जाती है और अगर कोई मरीज बिस्तर पर है तो उसके सहायक को आने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने पीठ को बताया कि अस्पताल में सहायकों की कमी को पूरा करने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि लोक नायक और राजीव गांधी अस्पताल जैसी जगहों पर मरीजों को वीडियो काल करने की भी अनुमति दी गई है।

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