बंद कमरे में होगी हनी सिंह से जुड़े घरेलू हिंसा मामले की सुनवाई, पत्नी शालिनी ने दाखिल की है याचिका
पत्नी शालिनी तलवार द्वारा पंजाबी गायक हनी सिंह पर दर्ज कराए गए घरेलू हिंसा के मामले में तीस हजारी अदालत ने बंद कमरे में सुनवाई करने का आदेश दिया है। मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट तानिया सिंह ने हनी सिंह व उनकी पत्नी की सहमति लेने के बाद यह आदेश पारित किया।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। पत्नी शालिनी तलवार द्वारा पंजाबी गायक हनी सिंह पर दर्ज कराए गए घरेलू हिंसा के मामले में तीस हजारी अदालत ने बंद कमरे में सुनवाई करने का आदेश दिया है। मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट तानिया सिंह ने हनी सिंह व उनकी पत्नी की सहमति लेने के बाद यह आदेश पारित किया। अदालत ने कहा कि अगर दोबारा परामर्श से मामले को हक करने की गुंजाईश हुई तो इस संभावना को खारिज नहीं किया जाना चाहिए।
इससे पहले अदालत ने हनी सिंह को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में उनके या उनकी कंपनियों के स्वामित्व वाली चल-अचल संपत्ति में तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने पर रोक लगा दी थी। शालिनी तलवार ने आरोप लगाया था कि उनके पति दुबई में तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने और कुछ संपत्तियों का निपटान करने की प्रक्रिया में हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें शक है कि हनी सिंह उस जनरल पावर आफ अटार्नी को रद करा सकते हैं। तलवार ने हनी सिंह के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दायर कर शारीरिक शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत मुआवजा के रूप में 20 करोड़ रुपये की मांग की है।
सोची-समझी पूर्व नियोजित साजिश थी दिल्ली दंगा : हाई कोर्ट
वहीं, फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगे पर अहम टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह पलभर में हुई घटना न हाेकर कानून व्यवस्था को भंग करने व लोगों की जान को खतरे डालने की पूर्व नियोजित सोची-समझी साजिश थी। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि भीड़ ने सरकार के कामकाज को अस्त-व्यस्त करने के साथ-साथ शहर में लोगों के सामान्य जीवन को बाधित करने का प्रयास किया था।
इतना ही नहीं असंख्य दंगाइयों ने लाठी, डंडों व खतरनाक हथियारों से पुलिस अधिकारियों व कर्मियों पर बेरहमी से हमला किया था। पीठ ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों को व्यवस्थित रूप से काटना और नष्ट करना भी शहर में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए एक पूर्व नियोजित साजिश की पुष्टि करता है।