जेल में बंद अभियुक्त की जमानत अर्जी पर सुनवाई के मामले में जांच अधिकारी के गैर जिम्मेदार रवैए से कोर्ट नाराज

बदरपुर इलाके में हत्या के एक मामले में साकेत कोर्ट में हो रही सुनवाई के दौरान अजब नजारा दिखाई दिया। 14 जुलाई से जेल में बंद अभियुक्त की जमानत अर्जी पर सुनवाई हो रही थी लेकिन मामले के जांच अधिकारी सुबह 11 बजे तक कोर्ट ही नहीं पहुंच सके।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 07:10 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 08:37 AM (IST)
जेल में बंद अभियुक्त की जमानत अर्जी पर सुनवाई के मामले में जांच अधिकारी के गैर जिम्मेदार रवैए से कोर्ट नाराज
कोर्ट ने अभियुक्त को जमानत देते हुए दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस को जमकर फटकार लगाई।

नई दिल्ली [गौरव बाजपेई]। बदरपुर इलाके में हत्या के एक मामले में साकेत कोर्ट में हो रही सुनवाई के दौरान अजब नजारा दिखाई दिया। 14 जुलाई से जेल में बंद अभियुक्त की जमानत अर्जी पर सुनवाई हो रही थी, लेकिन मामले के जांच अधिकारी सुबह 11 बजे तक कोर्ट ही नहीं पहुंच सके। 11 बजे के बाद एसएचओ बदरपुर कोर्ट पहुंचीं और पांच मिनट का समय लेकर बाहर निकल गईं। 12.38 बजे जांच अधिकारी के पहुंचने पर कोर्ट ने अभियुक्त को जमानत देते हुए दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस को जमकर फटकार लगाई।

कोर्ट ने अपने आदेश में जिला पुलिस अफसरों को गैर जिम्मेदार करार देते हुए पुलिस उपायुक्त दक्षिण-पूर्वी को प्रोफेशनल व्यवहार अपनाने का निर्देश दिया। चार दिसंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोनू अग्निहोत्री की अदालत में बचाव पक्ष की तरफ से एक सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत की गई, लेकिन जांच अधिकारी कोर्ट में मौजूद नहीं थे। सुनवाई के एक घंटे बाद तक जांच अधिकारी कोर्ट नहीं पहुंचे। 11:05 बजे एसएचओ बदरपुर कामिनी गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि जांच अधिकारी थोड़ी देर में पहुंच जाएंगे। पुलिस की तरफ से पक्ष वह रखेंगी। उन्होंने कोर्ट से पांच मिनट का वक्त मांगा।

कोर्ट ने 11:30 बजे सुनवाई शुरू की तो एसएचओ और जांच अधिकारी दोनों ही कोर्ट से गायब मिले। पूछने पर पता चला कि एसएचओ कोर्ट के बाहर जांच अधिकारी का इंतजार कर रही हैं। 12 बजे और 12:30 बजे तक दोनों ही पुलिस अधिकारी कोर्ट से नदारद रहे। इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश न्यायाधीश ने दोनों के हाजिर होने तक सुनवाई रोक दी। 12:38 बजे एसएचओ और जांच अधिकारी के पहुंचने पर कोर्ट ने सुनवाई शुरू की और अभियुक्त प्रमोद को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।

बिना केस फाइल लिए कोर्ट पहुंची थीं थाना प्रभारी :अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इस पूरे प्रकरण और अदालत से नदारद रहने पर सवाल किया तो थाना प्रभारी ने बताया कि उनके पास केस की फाइल ही नहीं थी। इस कारण वह कोर्ट को अपना जवाब नहीं दाखिल कर सकती थीं। इस पर कोर्ट ने उन्हें जमकर फटकारा और आगे से सावधानी बरतने की चेतावनी दी है।

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