कोर्ट ने पुलिस को उमर खालिद को एफआइआर की कॉपी देने के निर्देश दिए

कोर्ट ने दिल्ली दंगे के मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को केस की एफआइआर की कॉपी देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यह भी कहा कि आरोपित को तब तक हिरासत में नहीं लिया जाना चाहिए जब तक उसे उसका कारण न बता दें।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 11:09 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 11:09 PM (IST)
कोर्ट ने पुलिस को उमर खालिद को एफआइआर की कॉपी देने के निर्देश दिए
पुलिस को निर्देश दिया पुलिस उमर काे एफआइआर की कॉपी उपलब्ध करवाएं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे के मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को केस की एफआइआर की कॉपी देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यह भी कहा कि आरोपित को तब तक हिरासत में नहीं लिया जाना चाहिए, जब तक उसे उसका कारण न बता दें।

मुख्य महानगर दंडाधिकारी पुरुषोतम पाठक ने पुलिस को निर्देश दिया पुलिस उमर काे एफआइआर की कॉपी उपलब्ध करवाएं। हिरासत से बचाव के लिए मौलिक अधिकार, संवैधानिक प्रावधानों और अपराध कानून के तहत दर्ज एफआइआर की काॅपी मांगना आरोपित का अधिकार है।

कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 22 (1) ने यह निर्धारित किया है कि कोई भी पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के आधार को बताए बिना गिरफ्तार नहीं कर सकता है और संविधान के अनुच्छेद 22 ने गिरफ्तारी और नजरबंदी के खिलाफ सुरक्षा के मौलिक अधिकार की गारंटी दी है। बता दें उमर को उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास इलाके में हुए दंगे के मामले में एक अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया था। जहां से उसे तीन दिन दिन की हिरासत में भेज दिया था, मौजूदा वक्त में उमर न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।

उमर की ओर से पेश वकील ने एफआइआर, रिमांड ऑर्डर और मेडिकल रिपोर्ट व पुलिस हिरासत के लिए आवेदन, की प्रतियां देने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है। वकील ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि आखिर उनके मुवक्किल को कौन से आरोपों में हिरासत में लिया हुआ है।

इस मामले के जांच अधिकारी द्वारा दाखिल किए गए जवाब की भी प्रति भी मांगी है। पुलिस की ओर से पेश वकील मनोज चौधरी ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दस्तावेजों पर कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने से पहले आरोपित को दस्तावेज दिए जाने का कोई नियम नहीं है। खालिद को उसकी गिरफ्तारी के कारणों का पहले ही बताया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अगर आरोपित को अभी किसी दस्तावेज की कॉपी दी गई तो वह बाद में अन्य दस्तावेजों की कॉपी भी मांग सकता है।

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