Delhi Riots 2020: 'पिंजरा तोड़' मुहिम की कार्यकर्ता नताशा नरवाल को दिल्ली HC से मिली अंतरिम जमानत

दिल्ली दंगों में आरोपित जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल को दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को 3 सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है। जेल में बंद नताशा के पिता की पिछले दिनों मौत हो गई लेकिन जेल में होने से आखिरी वक्त भी अपने पिता को देख नहीं सकीं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 12:42 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 12:42 PM (IST)
Delhi Riots 2020: 'पिंजरा तोड़' मुहिम की कार्यकर्ता नताशा नरवाल को दिल्ली HC से मिली अंतरिम जमानत
Delhi Riots 2020: 'पिंजरा तोड़' मुहिम की कार्यकर्ता नताशा नरवाल को दिल्ली HC से मिली अंतरिम जमानत

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। फरवरी, 2020 में हुए दिल्ली दंगों में आरोपित जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल को दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को 3 सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है। इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा था कि जेएनयू की छात्राएं नताशा नरवाल और देवांगना कलिता एक ऐसी बड़ी साजिश का हिस्सा थीं, जिससे देश की एकता, अखंडता और समरसता को खतरा हो सकता था। बता दें कि नताशा और देवांगना को पिछले साल उत्तरी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने यह दलील नताशा और देवांगना की ओर से जमानत को लेकर दायर याचिकाओं के जवाब में दी थी। इन याचिकाओं में एक अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें जेएनयू छात्राओं की ओर से दायर जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया था। उक्त आरोपियों पर दंगों से जुड़े मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एफआईआर दर्ज है।

यहां पर बता दें कि 'पिंजरा तोड़' मुहिम की कार्यकर्ता नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल की मौत हुई तो दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में तिहाड़ जेल में बंद नताशा आखिरी वक्त भी अपने पिता को देख नहीं सकीं। कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने महावीर को श्रद्धांजलि दी तो कुछ ने नताशा के हक में आवाज़ भी उठाई।

उधर, नताशा नरवाल के पिता महावीर के निधन पर कम्युनिस्ट पार्टी (एम) की बड़ी नेता वृंदा करात ने बताया है किनताशा और उसके भाई से मेरी भारी सहानुभूति है। एक घोर अन्याय का सिस्टम है जिसके कारण गलत तरीके से एक साल से जेल में बंद एक बेटी अंतिम समय में भी अपने पिता को नहीं देख सकी।

फरवरी, 2020 में दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे में नताशा नरवाल का नाम सामने आया था, जिन्होंने 'पिंजरा तोड़' मुहिम चलाई थी। कार्यकर्ता नताशा पर केंद्र सरकार ने दंगों की साज़िश में शामिल होने का आरोप लगाकर UAPA के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद से नताशा को तिहाड़ जेल में रखा गया है।

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