Coronavirus: कोरोना संक्रमित मां के दूध से नहीं होता नवजात को संक्रमण, पढ़ें- डॉक्टरों की राय
Coronavirus स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.शोभा गुप्ता ने बताया कि गर्भवती महिलाएं भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचं। लगातार हाथ धोती रहें।
गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। दिल्ली के एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में कोरोना वायरस से संक्रमित महिला ने शुक्रवार एक बच्चे को जन्म दिया जो कि पूरी तरह स्वस्थ है। तमाम नकारात्मक खबरों के बीच यह एक सकारात्मक बात आई है जो जल्द ही मां बनने जा रही महिलाओं के लिए राहत देने वाली है। स्त्री रोग विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़ी सावधानी मां और बच्चे दोनों के लिए राहें आसान बना सकती है। अगर मां सामान्य है तो कोई समस्या नहीं है लेकिन अगर मां संक्रमित है तो जरूरी नहीं है कि बच्चा भी संक्रमित हो।
इतना नहीं, मां का दूध नवजात के लिए बेहतर साबित होगा क्योंकि मां के दूध में पाए जाने वाले तत्व बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में सहायक होते हैं।
संक्रमित मां का दूध पिलाना है सुरक्षित
संक्रमित मां से बच्चे को दूर रखना उसे सुरक्षित करने का सबसे पहला उपाय है। बच्चे को मां का दूध पिलाने के लिए ही उसके पास लाया जाना चाहिए क्योंकि मां के दूध से बच्चे को संक्रमण नहीं होता। दूध पिलाते समय मां को हमेशा मास्क पहनना चाहिए। इसके अलावा मां को एक सावधानी और रखनी होगी कि वह दूध पिलाने के लिए ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करे और उसे समय समय पर स्टेरिलाइज किया जाए।
क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.शोभा गुप्ता ने बताया कि गर्भवती महिलाएं भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचं। लगातार हाथ धोती रहें। आठ घंटे की नींद लें और भोजन में पोषक तत्वों को शामिल करें ताकि अंदर पल रहा बच्चे के भीतर भी इन तत्वों से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सके। गर्भवती महिलाएं डॉक्टर से नियमित जांच करवाती रहें। बच्चे का दूध पिलाना किसी भी तरह का संक्रमण नहीं फैलाता, बस मां दूध पिलाते समय हाइजीन का पूरा ख्याल रखे।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रीता बक्शी ने बताया कि थोड़ी सावधानी रखकर इस समय भी स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया जा सकता है। मां अगर बच्चे को दूध पिलाए तो उससे बच्चा संक्रमित नहीं होगा। गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे लगातार अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें। अपना विशेष ध्यान रखें और अपने-आप को अलग-थलग रखने की कोशिश करें। इससे थोड़ा भावनात्मक कमजोरी जरूर आएगी लेकिन इसके लिए मानसिक रूप से अपने आप को तैयार रखें। बाहर से आई चीजें न छुएं, मास्क पहनकर रखें और हाथ को बार बार मुंह के पास न ले जाएं।
कोरोना से कैसे लड़ें
लगातार हाथ धोती रहें। मास्क को पहनने के बाद उसे हाथ न लगाएं। एक मास्क को एक बार ही पहने, दोबारा उसका इस्तेमाल न करें। घर में आने वाली हर चीज को सेनिटाइज करें, दूध का पैकेट हो या कोई और चीजे, उसे कम से कम दस मिनट तक साबुन वाले गरम पानी में छोड़ दें। जब भी मास्क उतारें ध्यान रहे कि उसे आगे से न छुएं, उसे पीछे से पकड़कर ही उतारें। दिन में तीन से चार बार गार्गल करें और गरम पानी पिएं। यह प्रक्रिया वायरस को टॉन्सिल से दूर रखता है और फेफड़ों में नहीं पहुंचने देता। अपने डॉक्टर से बात करके विटामिन सी का सप्लीमेंट जरूर लें।