दिल्ली में ब्लैक फंगस की दवाओं की नहीं है कमी
दिल्ली में अब तक करीब 150 कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले मिले हैं। इसके इलाज में अंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन को कारगर माना जा रहा है। यह दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और भारत में ही कई कंपनियों द्वारा बनाई जाती है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति के बीच दवाओं की किल्लत बनी हुई है। इस बीच ब्लैक फंगस की दवाओं की कमी की अफवाह ने लोगों की जान सांसत में है। दिल्ली में अब तक करीब 150 कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले मिले हैं। इसके इलाज में अंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन को कारगर माना जा रहा है।
बाजार से जुड़े लोगों के मुताबिक फंगस की शिकायत की इस तरह के मामले पहले सामने नहीं आए थे। इसलिए इस इंजेक्शन की कभी इस तरह चर्चा में नहीं हुई थी। अब दो दिनों से इसकी चर्चा है तो इसके बारे में पूछताछ बढ़ने लगी है। संभव है कुछ जमाखोरी करने वाले लोग भी सक्रिय हो गए हों। लेकिन, उन्हें इसमें कुछ खास हासिल नहीं हो पाएगा क्योंकि यह दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और भारत में ही कई कंपनियों द्वारा बनाई जाती है। इसका इस्तेमाल दिन में पांच बार लगातार पांच से 10 दिन करना होता है।
फंगस के इलाज के इंजेक्शन की चर्चाएं ज्यादा हैं, बाजार में वास्तविक मांग कम है। उपलब्धता का जैसा संकट दिखाया जा रहा है, वैसा नहीं है, चूंकि पहले भी इसकी मांग बहुत ज्यादा नहीं थी, लिहाजा सहज उपलब्ध नहीं है।- संदीप नांगिया, अध्यक्ष, रिटेल डिस्टि्रब्यूशन केमिस्ट