CoronaVirus Delhi: किसानों के आंदोलन ने दिल्ली के बाजारों की बढ़ाई चिंता, लंबा चला आंदोलन तो होगी समस्या

आंदोलनकारी किसानों के दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए बार्डर सील कर दिए गए हैं। इस कारण जहां इन प्रभावित राज्यों से आने वाले खरीदार भी दिल्ली नहीं पहुंच पाएंगे। वहीं इन राज्यों से सामानों की आवाजाही भी नहीं हो पाएगी।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:59 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:59 PM (IST)
CoronaVirus Delhi: किसानों के आंदोलन ने दिल्ली के बाजारों की बढ़ाई चिंता, लंबा चला आंदोलन तो होगी समस्या
किसानों के आंदोन की वजह से दिल्ली के बाजारों में भी संक्रमण फैलने का खतरा हो गया है। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोरोना के साथ अब किसानों के आंदोलन ने दिल्ली के बाजारों की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि तत्कालीन तौर पर इससे हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर से सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। आंदोलनकारी किसानों के दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए बार्डर सील कर दिए गए हैं। इस कारण जहां इन प्रभावित राज्यों से आने वाले खरीदार भी दिल्ली नहीं पहुंच पाएंगे। वहीं, इन राज्यों से सामानों की आवाजाही भी नहीं हो पाएगी।

बाजार चिंतित इसलिए है कि यह आंदोलन अगर लंबा चला तो इससे दिल्ली में फल, सब्जी समेत अन्य सामानों को लेकर परेशानी बढ़ सकती है। सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। कंबल समेत गर्म कपड़े जहां पानीपत व लुधियाना से आते हैं तो हार्डवेयर के सामान, वाहन, वाहन उपकरण, अनाज व खाद्य तेल भी प्रभावित राज्यों से आते हैं।

वैसे, इस आंदोलन ने दिल्ली के ट्रांसपोर्टरों की चिंता तुरंत बढ़ा दी है, क्योंकि इस कारण पंजाब व हरियाणा से दिल्ली में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इससे सैकड़ों व्यवसायिक वाहन बीच रास्ते में फंस गए हैं। इसमें काफी ट्रकें सामान लेकर दिल्ली के रास्ते में हैं। दिल्ली गुड्स ट्रांसपाेर्ट आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने बताया कि उनका एक ट्रक पंजाब से हार्डवेयर का सामान लेकर चला है, जो रास्ते में फंस गया है।

इसी तरह से कई ट्रांसपोर्टरों की ट्रकें रास्ते में सामान को लेकर फंसी है। राजेंद्र कपूर ने कहा कि किसानों के आंदोलन को लेकर ट्रांसपोर्टरों को पहले से सचेत भी नहीं किया गया था।

इस कारण ट्रांसपोर्ट का कामकाज सामान्य तरीके से चल रहा है। अब अचानक सबकुछ ठप पड़ गया है। उन्होंने कहा कि यहीं नहीं ट्रांसपोर्टर अपने वाहनों तथा उसमें लदे सामानों की सुरक्षा को लेकर चितिंत है। क्योंकि आंदोलन की स्थिति में आंदोलनकारियों द्वारा सबसे पहले ट्रकों को ही आसान निशाना बनाया जाता है।

आजादपुर कृषि उत्पाद बाजार समिति के अध्यक्ष आदिल खान ने कहा कि यह मंडी किसानों के उत्पादों से जुड़ी है। अगर किसान आंदोलनरत है तो निश्चित ही उसका प्रभाव यहां दिखाई देगा। यहां जम्मू-कश्मीर, हिमालच प्रदेश, पंजाब व हरियाणा से बड़ी संख्या में फल व सब्जियां आती है। बार्डर बंद है तो इनके मंडियों में पहुंचने में कठिनाई आएगी।

एक-दो दिन में इसका असर दिखने लग जाएगा। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दिल्लाी के बाजार वैसे ही कोरोना के चलते काफी प्रभावित है, वहीं अब किसानों के आंदोलन से बिक्री प्रभावित होने की आशंका है। क्योंकि सीमाएं सील होने से पड़ाेसी राज्यों से खरीदार नहीं आ पाएंगे। यहीं नहीं आने वाले दिनों में बाजारों से सामानों की आवाजाही प्रभावित होने की आशंका है। एसोसिएशन ऑफ एग्रो इंर्पोटर्स के अध्यक्ष अप्रेस गर्ग कहते हैं कि कुछ दिनों के आंदोलन में सीधे तौर पर मसाले व सूखे मेवे की किल्लत नहीं होगी। पर हरियाणा में स्थित गोदामों में खारी बावली के व्यापारियों का सामान रखा है। बार्डर सील होने की स्थिति में वहां से सूखे मेवे व मसालोें के आवागमन में दिक्कत आएगी।  

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