कोरोनावायरस ने डीयू और जामिया में भी मचाया कोहराम, कई नामी गिरामी प्रोफेसरों की हुई मौत, जानिए उनके नाम

राजधानी के उच्च शिक्षण संस्थानों में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। दिल्ली विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में दूसरी लहर की चपेट में आकर कई नामी प्रोफेसरों की मौत हो चुकी है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 01:22 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 01:22 PM (IST)
कोरोनावायरस ने डीयू और जामिया में भी मचाया कोहराम, कई नामी गिरामी प्रोफेसरों की हुई मौत, जानिए उनके नाम
कई नामी प्रोफेसरों का निधन हुआ, अब भी कई शिक्षक हैं संक्रमित।

नई दिल्ली, [संजीव कुमार मिश्र]। राजधानी के उच्च शिक्षण संस्थानों में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में दूसरी लहर की चपेट में आकर कई नामी प्रोफेसरों की मौत हो चुकी है, जिसकी वजह से इन संस्थानों को अकादमिक नजरिये अपूरणीय क्षति पहुंची है।

डीयू सर्वाधिक प्रभावित

दिल्ली विश्वविद्यालय कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। नैनोटेक्नोलाजी के प्रसिद्ध विज्ञानी प्रो. विनय गुप्ता का कोरोना से निधन हो गया। उनके निधन से विवि स्तब्ध है। बुधवार को आनलाइन श्रद्धांजलि सभा में छात्रों, शिक्षकों की आंखों के आंसू ये बताने के लिए काफी थे कि विनय गुप्ता की अहमियत क्या थी। डीयू के संगीत एवं ललित कला संकाय विभाग के प्रोफेसर प्रतीक चौधरी को भी कोरोना ने छीन लिया। एक हफ्ते पहले ही उनके पिता व संगीतकार पंडित देवब्रत चौधरी का कोरोना से निधन हुआ था। दिल्ली विवि शिक्षक संघ अध्यक्ष राजिब रे कहते हैं कि करीब 30 शिक्षकों का निधन हो चुका है। डूटा के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा कहते हैं कि यह मुश्किल वक्त है।

कोरोना ने कई काबिल साथियों को छीन लिया। अफ्रीकन स्टडी विभाग के डा. विधान पाठक, डा. देवेंद्र कुमार, डा. राकेश गुप्ता का कोरोना से निधन हो गया। आदित्य नारायण मिश्रा कहते हैं कि डा. राकेश गुप्ता को दिल्ली के अस्पतालों में बेड तक नहीं मिला। लुधियाना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया। दिल्ली विवि प्राचार्य संघ के अध्यक्ष डा. जसविंदर कहते हैं कि सभी प्राचार्यो से गुजारिश की गई है कि वे कोरोना से मृत शिक्षकों की जानकारी साझा करें, ताकि टीचर वेलफेयर फंड से आश्रितों की मदद की जा सके।

जामिया में शोक की लहर

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कोरोना की दूसरी लहर में कई प्रोफेसरों का निधन हो गया। इतिहास के प्रोफेसर रिजवान कैसर, राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्षा प्रो. के सावित्री, भौतिक विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद जाहिद, एप्लाइड साइंस विभाग के प्रो. मोहम्मद रफत, संस्कृत विभाग के डा. अभय कुमार शांडिल्य, नैनोटेक्नोलाजिस्ट प्रो. शफीक अहमद अंसारी को खो दिया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने सभी विभागों को एक पत्र लिखकर कोरोना से हुई शिक्षकों के निधन की जानकारी मांगी है, ताकि आश्रितों की आर्थिक मदद की जा सके।

विगत एक महीने में जामिया के सहायक कुलसचिव, वित्त कार्यालय सहायक, प्राक्टर कार्यालय सुरक्षा सहायक का भी निधन हुआ है। जेएनयू में तीन प्रोफेसरों का निधन जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कोरोना के चलते तीन प्रोफेसरों का निधन हो गया। स्कूल आफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के प्रो. सत्यमूर्ति का निधन हो गया। प्रो. सत्यमूर्ति भारतीय दर्शनशास्त्र के प्रकांड विद्वान थे। स्कूल आफ फिजिकल साइंसेज के प्रो. अशोक रस्तोगी, डिप्लोमेसी के प्रो. सतीश कुमार का निधन हो गया। सेंटर फार इंटरनेशनल स्टूडेंट एंड डेवलपमेंट के पूर्व प्रोफेसर अशोक बरुआ को भी कोरोना ने छीन लिया। जेएनयू शिक्षक संघ सचिव मौसमी बसु कहती हैं कि इनके निधन से अकादमिक जगत की क्षति हुई है, जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती।

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