दिल्‍ली के RML अस्पताल में स्‍वदेशी वैक्‍सीन को डॉक्‍टरों ने कहा ना, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कही ये बात

आरएमएल अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) द्वारा कोरोना का टीका कोवैक्सीन (Covaxin) लेने से इंकार किए जाने के बाद टीकों के वितरण की प्रक्रिया पर हुए विवाद पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्षवर्धन ने बयान दिया है। जानें पूरी बातें।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 06:38 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 10:30 PM (IST)
दिल्‍ली के RML अस्पताल में स्‍वदेशी वैक्‍सीन को डॉक्‍टरों ने कहा ना, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कही ये बात
टीका वितरण पर उठे विवाद पर बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Covid 19 Vaccination Programme: दिल्‍ली के आरएमएल अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) द्वारा कोरोना का टीका कोवैक्सीन (Covaxin) लेने से इंकार किए जाने के बाद मामला गंभीर हो गया। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्षवर्धन ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए इस बात पर सफाई दी। हर्षवर्धन ने वितरण की प्रक्रिया पर हुए विवाद पर कहा कि देश में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए स्वीकृत दोनों टीके (कोविशील्ड व कोवैक्सीन) सुरक्षित हैं। 

दोनों टीके एक समान प्रभावी

उन्‍होंने कहा कि दोनों टीके एक समान प्रभावी है। इसलिए टीके से सुरक्षा और उसके प्रभाव को लेकर कोई दुविधा नहीं है। दिल्ली में केंद्र के अस्पतालों में सिर्फ कोवैक्सीन भेजने का फैसला दिल्ली सरकार का है। इसलिए दिल्ली सरकार ही इस बात का जवाब दे सकती है कि किसी आधार पर यह फैसला हुआ।

केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को उपलब्ध कराया टीका

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को टीका उपलब्ध कराया है। इस दौरान किसी क्षेत्र या स्थान विशेष के आधार पर टीकों का वितरण नहीं किया गया। अस्पतालों में बने टीकाकरण केंद्रों पर टीके के वितरण की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ी गई है। 

अस्पतालों में टीका वितरण वितरण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की

राष्ट्रीय राजधानी भी अस्पतालों में टीका वितरण वितरण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। इसलिए दिल्ली सरकार यह बता सकती है कि केंद्र के अस्पतालों में ही कोवैक्सीन क्यों भेजा गया। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 75 अस्पतालों में कोविशील्ड टीका लगाया गया। जबकि एम्स, सफदरजंग, आरएमएल सहित केंद्र के छह अस्पतालों में कोवैक्सीन टीका लगाया गया।

खुद कब लगवाएंगे टीका, इस पर कहा जब मेरी बारी आएगी

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने यह भी कहा कि यह डिबेट शुरू हो गया है कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री और जनप्रतिनिधि क्‍यों नहीं वैक्‍सीन लगवा रहे हैं? मुझसे भी पूछा गया कि मैंने वैक्‍सीन क्‍यों नहीं लगावाई? हमने उनसे कहा कि मैं अपनी बारी का इंतजार कर रहा हूं। यह बारी कब आएगी इस पर बताया कि जब पचास साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों को  वैक्‍सीन लगेगी तब मुझे भी लग जाएगी। वैक्‍सीन को लेकर उठ रहे अफवाह के बारे में कहा कि यह एक छोटे से ग्रुप के द्वारा किया जा रहा है। यह लोग समाज को भटकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। हालांकि एक बड़ी आबादी आज वैक्‍सीन के कार्यक्रम में काफी उत्‍साह के साथ देखी गई है। 

क्‍या हुआ है विवाद

बता दें कि भारत देश में आज यानि 16 जनवरी से शुरू हो गया है। पीएम मोदी ने इसे विश्‍व का सबसे बड़ा अभियान बता कर शुरू किया है। इसके बाद देश में बने सभी वैक्‍सीनेशन सेंटर पर टीकेकरण का काम शुरू हो गया। इसी क्रम में दिल्‍ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों स्‍वदेशी कोवैक्सिन को लगवाने से इनकार कर दिया। आरएमएल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस मामले में मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में यह मांग की गई है कि उन्हें सिर्फ ऑक्सफोर्ड द्वारा निर्मित वैक्सीन कोविशील्ड दी जाए। जानकारी के लिए बता दें कि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का भारत की सीरम इंस्टीट्यूट उत्पादन कर रही है, जबकि भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉडी मिलकर बना रही है।

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