1984 Anti-Sikh Riots: कांग्रेस नेता डा. कर्ण सिंह ने कहा, दिल्ली के ऊपर धब्बा है 1984 का दंगा

1984 Anti-Sikh Riots कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. कर्ण सिंह ने कहा कि दंगों के दौरान मानवीयता भुला दी गई थी। लोग एक-दूसरे के खिलाफ हिंसक हुए। इसी तरह 1984 के दंगों के दौरान मैं दिल्ली में था। दंगा दिल्ली के ऊपर हमेशा एक धब्बे की तरह रहेगा।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 09:18 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 09:18 AM (IST)
1984 Anti-Sikh Riots: कांग्रेस नेता डा. कर्ण सिंह ने कहा, दिल्ली के ऊपर धब्बा है 1984 का दंगा
1984 Anti-Sikh Riots: कांग्रेस नेता डा. कर्ण सिंह ने कहा, दिल्ली के ऊपर धब्बा है 1984 का दंगा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 1984 दंगा बहुत ही वीभत्स था। यह दंगा देश की राजधानी दिल्ली के ऊपर हमेशा के लिए एक धब्बा रहेगा, जिसे कभी हटाया नहीं जा सकता। ये बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. कर्ण सिंह ने कहीं। मौका था प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से एक मुलाकात कार्यक्रम का। इसके आयोजन में सहभागी रहा दैनिक जागरण, दिनेश नंदिनी रामकृष्ण डालमिया फाउंडेशन और अहसास वूमन आफ दिल्ली।

आनलाइन कार्यक्रम में लेखिका लेडी मोहिनी केंट संग बातचीत के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. कर्ण सिंह ने विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की। बातचीत में विभाजन की विभीषिका के दौरान मानवीय व्यवहार पर डा. कर्ण सिंह ने कहा कि वो हिंसा का चरम था। दंगों के दौरान मानवीयता भुला दी गई थी। लोग एक-दूसरे के खिलाफ हिंसक हुए। इसी तरह 1984 के दंगों के दौरान मैं दिल्ली में था। दंगा दिल्ली के ऊपर हमेशा एक धब्बे की तरह रहेगा।

शिक्षा नीति पर भी की बात

डा. कर्ण सिंह ने नई शिक्षा नीति पर भी बात की। कहा-देश में नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है। पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। पाठ्यक्रमों में उपनिषदों में वर्णित कहानियों को शामिल करना चाहिए, ताकि छात्र भारतीय संस्कृति से रूबरू हो सकें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी विज्ञानी कस्तूरीरंगन को दी गई है। उन्हें एक किताब भेजूंगा, जिसमें उपनिषदों में वर्णित कहानियां हैं। गुजारिश करूंगा कि इन कहानियों को भी पाठ्यक्रम में शामिल करें।

महिलाओं को सम्मान देने पर दिया जोर

भारत में महिलाओं को शक्ति के रूप में पूजा जाता है जबकि समाज में उचित सम्मान नहीं मिलता। इस विषय पर बातचीत करते हुए डा. कर्ण सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मूर्तियों को शक्ति रूप में पूजते हैं जबकि महिलाओं संग सामाजिक भेदभाव होता है। कर्ण सिंह ने कहा कि विगत 20-30 सालों में परिस्थितियां बदली हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के नटराज रूप से वह बहुत प्रेरित एवं प्रभावित हैं।

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