E- Commerce News: ई-कामर्स के खिलाफ कैट का हल्ला बोल अभियान 15 सितंबर, पूरे देश में दिखेगा असर

E- Commerce News कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस अभियान की रणनीति तैयार करने के लिए नौ सितंबर को दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित हिंदी भवन में देशभर के बड़े व्यापारी नेताओं का सम्मेलन बुलाया गया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 09:19 AM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 09:19 AM (IST)
E- Commerce News: ई-कामर्स के खिलाफ कैट का हल्ला बोल अभियान 15 सितंबर, पूरे देश में दिखेगा असर
E- Commerce News: ई-कामर्स के खिलाफ कैट का हल्ला बोल अभियान 15 सितंबर, पूरे देश में दिखेगा असर

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) 15 सितंबर से कुछ ई-कामर्स कंपनियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हल्ला बोल अभियान शुरू करेगा। इस संबंध में कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल (National General Secretary Praveen Khandelwal Confederation of All India Traders) ने बताया कि इस अभियान की रणनीति तैयार करने के लिए नौ सितंबर को दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित हिंदी भवन में देशभर के बड़े व्यापारी नेताओं का सम्मेलन बुलाया गया है।

उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों से विदेशी फंड प्राप्त ई-कामर्स कंपनियों ने जिस प्रकार से नियम व कानूनों का उल्लंघन करते हुए देश के ई- कामर्स व्यापार को नुकसान पहुंचाया है। उससे देश के व्यापारियों में नाराजगी है। ऐसे में ई-कामर्स व्यापार में आवश्यक सुधार लाने के लिए नियम व कानूनों को लागू करने की मांग को लेकर 15 सितंबर से एक माह का यह अभियान शुरू किया जाएगा।  

लाकडाउन के दौरान अपने कारोबार में इजाफा करने वाली बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ दिल्ली के कारोबारियों में नाराजगी है। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के तकरीबन सात करोड़ दुकानदार हैं, जो ई-कामर्स के कारोबार में इजाफा होने से चिंतित हैं। 

कुछ महीने पहले वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने कारोबार संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के साथ हाथ मिलाकर उद्योग और आंतरिक व्यापार की आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वाली विभिन्न कंपनियों और स्टार्टअप को साथ लाने का प्रयास किया है। बावजूद इसके कारोबारियों की परेशानी कम नहीं हुई है।

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