महाराष्ट्र से आ रहे दिल्ली मगर RTPCR रिपोर्ट नहीं, विमानन कंपनियों के खिलाफ हुई शिकायत

प्रशासन का मानना है कि इस तरह की लापरवाही में न सिर्फ यात्री बल्कि विमानन कंपनी की उदासीनता भी एक बड़ा कारण है। अब प्रशासन ने इस बावत पुलिस से विमानन कंपनियों के खिलाफ शिकायत दी है। तकनीकी पहलूओं की छानबीन के बाद ही मामला दर्ज किया जाएगा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:16 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:16 PM (IST)
महाराष्ट्र से आ रहे दिल्ली मगर RTPCR रिपोर्ट नहीं, विमानन कंपनियों के खिलाफ हुई शिकायत
नियम के बावजूद महाराष्ट्र से आने वाले विमानों के यात्रियों के पास नहीं होती आरटीपीसीआर रिपोर्ट।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सख्त निर्देश के बाद भी हवाई यात्रा करने वाले यात्री नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। महाराष्ट्र से आने वाले विमानों के यात्रियों के लिए यह तय है कि वे यात्रा से अधिकतम 72 घंटे पहले अपनी कोरोना संक्रमण का पता करने के लिए आरटीपीसीआर जांच कराएं। जांच में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही यात्रा करें। लेकिन एयरपोर्ट पर जब महाराष्ट्र से आने वाले कई यात्रियों से जब आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट मांगी जाती है तो वे नहीं दे पाते हैं।
प्रशासन का मानना है कि इस तरह की लापरवाही में न सिर्फ यात्री बल्कि विमानन कंपनी की उदासीनता भी एक बड़ा कारण है। अब प्रशासन ने इस बावत पुलिस से विमानन कंपनियों के खिलाफ शिकायत दी है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि अभी शिकायत मिली है लेकिन तकनीकी पहलूओं की छानबीन के बाद ही मामला दर्ज किया जाएगा। फिलहाल कानूनी सलाह ली जा रही है।
बता दें कि कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए एयरपोर्ट पर अभी उत्तर पश्चिमी जिला प्रशासन की डयूटी लगाई गई है। जिला प्रशासन के अधिकारी यहां इस बात को सुनिश्चित करते हैं यहां कोरोना की रोकथाम के लिए जो भी उपाय जरूरी हैं, उनका पालन हो। जरूरत पड़ने पर जहां लापरवाही नजर आती है वहां संबंधित यात्री या संबंधित व्यक्ति का चालान किया जाता है। यह अधिकारी इस बात को भी सुनिश्चित करते हैं कि प्राधिकरण के निर्देश के अनुसार महाराष्ट्र से आने वाले विमानों के यात्रियों के पास आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट है या नहीं।
प्रशासन का कहना है कि पहले महाराष्ट्र से आने वाले विमानों में बड़ी तादाद में ऐसे यात्री पाए जाते थे जिनके पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं होती थी। जब सख्ती बढ़ाई गई तो मामले तो कम हुए लेकिन ऐसे मामले अभी भी लगातार सामने आ रहे हैं। बार बार की चेतावनी के बाद भी इस तरह के मामले सामने आाने का मतलब विमानन कंपनियों की लापरवाही है। ऐसे में प्रशासन को इस बावत शिकायत देनी पड़ी।

अभी तक एयरपोर्ट पर टर्मिनल के बाहर लोगों के चालान किए जा रहे थे, लेकिन अब टर्मिनल के अंदर भी नियम टूटता देख अधिकारी सक्रिय हुए हैं और चालान कर रहे हैं। चिंता की बात यह है कि चालान करने के बावजूद लोगों पर इसका असर होता नजर नहीं आ रहा है। रोजाना चालान की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में अधिकारियों को भी कुछ खास समझ में नहीं आ रहा है। एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 व टर्मिनल 3 पर अप्रैल महीने में अभी तक करीब 800 लोगों के खिलाफ चालान किया जा चुका है। इतनी बड़ी तादाद अधिकारियों की चिंता बढ़ा रही है।

chat bot
आपका साथी