दिल्ली में बस खरीद मामले की जांच करने के लिए कमेटी गठित, भाजपा नेता ने किया दावा
विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि उपराज्यपाल ने उन्हें बताया है कि लो फ्लोर बस खरीद प्रक्रिया की जांच के लिए तीन सदस्यीत समिति बनाई गई है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग और सतर्कता विभाग के सचिव केंद्रीय शहरी परिवहन विभाग के पूर्व प्रमुख ओपी अग्रवाल समिति के सदस्य हैं।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। लो फ्लोर बसों की खरीद का मामला विवादों में फंसता जा रहा है। दिल्ली सरकार एक हजार लो फ्लोर बसें खरीदने के लिए दो कंपनियों के साथ अनुबंध किया है, लेकिन इस प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने परिवहन विभाग के सतर्कता निदेशक को इस संबंध में पत्र लिखा था, लेकिन एक माह बाद भी जवाब नहीं मिला है। इस मामले को दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में प्रमुखता से उठाया है। अब उपराज्यपाल ने इसकी जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर एसीबी को जवाब दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने जनवरी में जेबीएम और टाटा को एक हजार लो फ्लोर बसें खरीदने का आर्डर दिए हैं। बसों की खरीद पर 890 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। भाजपा विधायकों का आरोप है कि बसों की कीमत से ज्यादा खर्च इनके तीन साल के रखरखाव पर किया जाएगा, जबकि खरीद की शर्तों के मुताबिक तीन साल तक इन बसों के रखरखाव की जिम्मेदारी आपूर्तिकर्ता कंपनियों की होनी चाहिए। भाजपा विधायकों ने मार्च में इसकी शिकायत एसीबी से की थी। उनका आरोप था कि टेंडर की शर्तों को नजरअंदाज कर बसों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को रखरखाव के लिए प्रत्येक वर्ष 350 करोड़ रुपये भुगतान करने का फैसला किया गया है। इस तरह से तीन साल तक निशुल्क होने वाले काम के बदले एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जाएगा।
इस मामले की जांच के लिए दिल्ली सरकार द्वारा एसीबी को अनुमति नहीं मिलने पर पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा था। उन्होंने उपराज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने और एसीबी को जांच करने की अनुमति देने की मांग की थी। उनका दावा है कि परिवहन विभाग की अंदरूनी जांच में बस खरीद प्रक्रिया में वित्तीय गड़बड़ी का पता चला है, इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।
विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि उपराज्यपाल ने उन्हें बताया है कि लो फ्लोर बस खरीद प्रक्रिया की जांच के लिए तीन सदस्यीत समिति बनाई गई है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग और सतर्कता विभाग के सचिव के साथ ही केंद्रीय शहरी परिवहन विभाग के पूर्व प्रमुख ओपी अग्रवाल इस समिति के सदस्य हैं। समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी।