मौसम में ठिठुरन से कांप रहा दिल्ली-एनसीआर, कोहरा भी छाया; ट्रेनें लेट-विमान सेवा भी प्रभावित

मौसम विभाग के मुताबिक शीत लहर की स्थिति अभी बनी रहेगी। अलबत्ता, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सोमवार से मौसम करवट लेगा। सोमवार से बुधवार तक हल्की बारिश के भी आसार हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 08:50 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 09:48 AM (IST)
मौसम में ठिठुरन से कांप रहा दिल्ली-एनसीआर, कोहरा भी छाया; ट्रेनें लेट-विमान सेवा भी प्रभावित
मौसम में ठिठुरन से कांप रहा दिल्ली-एनसीआर, कोहरा भी छाया; ट्रेनें लेट-विमान सेवा भी प्रभावित

नई दिल्ली, जेएनएन। न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि के चलते पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में कोहरे की समस्या गहराने लगी है। शुक्रवार को भी दिल्ली-एनसीआर में सुबह से घना कोहरा छाया हुआ है। आलम यह है कि घने कोहरे के चलते सड़क, रेल और हवाई यातायात तीनों प्रभावित हैं। जहां सड़कों पर वाहनों की गति धीमी है तो ट्रेनें देरी से चल रही है। रेलवे की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, कोहरे के चलते 10 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।

इतना ही वहीं, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट  पर घने कोहरे के कारण विमान सेवाएं बाधित हैं। कोहरे के चलते शुक्रवार तड़के काफी देर तक जाने वाली उड़ानों का संचालन रोका गया वहीं, कई उड़ानें देरी से शुरू हो पाईं। फिलहाल किसी भी उड़ान के डायवर्जन और रद होने की सूचना नहीं है।

शीतलहर अभी और करेंगी परेशान

शीतलहर के कारण दिल्लीवासी शुक्रवार को भी कंपकंपाते नजर आए, लेकिन बृहस्पतिवार की तुलना में ठिठुरन कम रही। यह अलग बात है कि स्कूल जाने रहे छात्र-छात्राओं को ज्यादा दिक्कत पश आई। मौसम विभाग के मुताबिक शीत लहर की स्थिति अभी बनी रहेगी। अलबत्ता, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सोमवार से मौसम करवट लेगा। सोमवार से बुधवार तक हल्की बारिश के भी आसार हैं। बारिश से तापमान गिरेगा और ठंड बढ़ेगी। बारिश के बाद कोहरा भी गहरा सकता है।

इससे पहले न्यूनतम 4.2 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच बृहस्पतिवार को भी दिल्ली-एनसीआर के लोग ठिठुरन भरी ठंड का प्रकोप झेलते रहे। न्यूनतम तापमान भी महज 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि, दिन में धूप से कुछ राहत मिली। फिलहाल ठिठुरन से राहत के आसार नहीं लग रहे।

नोएडा में भी दिखी ठंड
नोएडा में शुक्रवार रात को न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा, जबकि सुबह 8 बजे न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहर में सुबह की शुरुआत घने कोहरे के साथ हुई. लेकिन अब यह कोहरा धीरे धीरे पूरी तरह से साफ होता दिखाई दे रहा है। हल्की धूप निकलनी शुरू हो गई है। वहीं दो दिन बाद प्रदूषण का स्तर लगातार 5वें दिन फिर गंभीर स्तर में रहा। सेक्टर 125 स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी में लगे प्रदूषक नियंत्रण यंत्र के अनुसार शुक्रवार सुबह नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स सुबह 424 रहा।

हवा पड़ी मंद तो बढ़ा प्रदूषण

हवा की गति मंद पड़ने से बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ गया। हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व भी इमरजेंसी के स्तर पर जा पहुंचे। शनिवार तक इससे राहत के आसार भी नहीं हैं। अगले सप्ताह की शुरुआत में लगातार दो-तीन दिन की बारिश के बाद प्रदूषण का स्तर नीचे आने की उम्मीद है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एयर बुलेटिन के मुताबिक बृहस्पतिवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 440, फरीदाबाद का 450, गाजियाबाद का 473, ग्रेटर नोएडा का 436, नोएडा का 440 और गुरुग्राम का 364 रहा। सुबह आठ बजे ही दिल्ली ने इमरजेंसी स्तर को पार कर लिया था। इस हवा में सांस लेना सबसे अधिक हानिकारक माना गया है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के नियमों के तहत यदि यह स्थिति 48 घंटों तक रहती है तो ऑड-ईवन को लागू करने के साथ ही ट्रकों के प्रवेश, निर्माण कार्य पर भी रोक लगानी होती है। सफर इंडिया और मौसम विभाग के मुताबिक हवा की गति कम हो गई है। ठंड और नमी बढ़ने से प्रदूषण भी बढ़ रहा है। इस समय पीएम 2.5 भी तय मानकों से कई गुना अधिक है। ओजोन और बेंजीन का स्तर भी बढ़ा है। अभी प्रदूषण के इस स्तर में और इजाफा होने के आसार हैं।

आबोहवा में मौजूद हैं खतरनाक भारी धातु

दिल्ली- एनसीआर के आबोहवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) कणों की मात्र तो ज्यादा है ही, इसमें कई भारी धातु भी मौजूद हैं। जो सेहत के लिए खतरनाक हैं। लंग केयर फाउंडेशन के अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन में कहा गया है कि वातावरण में भारी धातु की मौजूदगी नर्वस सिस्टम (तंत्रिका पद्धति) के लिए खतरनाक है। इससे बच्चों की याददाश्त प्रभावित हो सकती है। फाउंडेशन ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से सिफारिश की है कि प्रदूषण की एडवाइजरी में पीएम 10 व पीएम 2.5 के अलावा हवा में भारी धातुओं की मौजूदगी को शामिल किया जाए। फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. अर¨वद कुमार ने कहा कि पिछले साल नवंबर में यह अध्ययन हुआ था। सफदरजंग एंक्लेव व गुरुग्राम में दो जगहों से हवा के सैंपल लिए गए थे। इसमें पीएम 2.5 के अलावा छह-सात भारी धातुओं की जांच की गई। इसमें पीएम 2.5 की मात्र 90.3 माइक्रोग्राम घन मीटर से लेकर 563.5 माइक्रोग्राम घन मीटर तक पाई गई, जो सामान्य से डेढ़ से नौ गुना तक ज्यादा है। इसमें आर्सेनिक, बेरियम, लेड, मैंगनीज की मात्र विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानक (0.05 माइक्रोग्राम घन मीटर) से कई गुना अधिक है। ये भारी धातु फेफड़े को भी प्रभावित करते हैं।

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