ब्लू लाइन की तरह जानलेवा साबित हो रहीं क्लस्टर बसें, इस साल 19 लोगों को गंवानी पड़ी है जान

यातायात पुलिस के विशेष आयुक्त मुक्तेश चंदर ने बताया कि यातायात पुलिस अधिकारी बस चालकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें गति सीमा सहित नियमों और विनियमों के बारे में बता रहे हैं। हम अधिक से अधिक बस चालकों को शिक्षित करना जारी रखेंगे।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 06:15 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:59 AM (IST)
ब्लू लाइन की तरह जानलेवा साबित हो रहीं क्लस्टर बसें, इस साल  19 लोगों को गंवानी पड़ी है जान
इस साल अब तक 18 हादसों में 19 लोगों को गंवानी पड़ी है जान

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। राजधानी में क्लस्टर बसों द्वारा हो रही एक के बाद एक दुर्घटनाओं ने लोगों को ब्लू लाइन बसों से होने वाली दुर्घटनाओं की याद दिला दी है। अब इन्हें नई ब्लू लाइन कहा जाने लगा है। एक के बाद एक दो घटनाएं द्वारका में हुई हैं, जिससे चार लोगों की मौत हो गई। साथ ही पिछले दो सालों में क्लस्टर बस से हुई दुर्घटनाएं भी इस बात की पुष्टि करती हैं कि ये बसें नई ब्लू लाइन साबित हो रही हैं। इसी तरह डीटीसी की बसें भी इस साल आठ घातक दुर्घटनाओं में शामिल रही हैं, जिसमें नौ लोगों की मौत हुई है।

कंटेनर, टैंकर जैसे भारी वाहनों ने भी 70 सड़क हादसों में 77 लोगों की जान ले ली है। यातायात पुलिस के विशेष आयुक्त मुक्तेश चंदर ने बताया कि यातायात पुलिस अधिकारी बस चालकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें गति सीमा सहित नियमों और विनियमों के बारे में बता रहे हैं। हम अधिक से अधिक बस चालकों को शिक्षित करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हर दुर्घटना के बाद, एक यातायात अधिकारी दुर्घटना के दृश्य का निरीक्षण करता है ताकि पता लगाया जा सके कि अधिक गतिसीमा और गलत ओवरटेकिंग के अलावा दुर्घटना का और क्या कारण था।

वहीं, परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि यातायात पुलिस की मदद से सभी डिपो में क्लस्टर बस चालकों के लिए प्रशिक्षण की योजना बनाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि क्लस्टर बस चालकों को अपने दस्तावेजों के आनलाइन सत्यापन, पुलिस रिपोर्ट के अनुसार पूर्ववत सत्यापन, चिकित्सा परीक्षण, दृष्टि जांच, वर्णांधता जांच आदि प्रशिक्षण और आंतरिक प्रशिक्षण के बाद वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। इसके अलावा सभी बसों में एक इनबिल्ट स्पीड गवर्नर लगाया गया है । वहीं, जीपीएस के जरिए भी गति की निगरानी की जाती है।

गतिसीमा से तेज बस चलाने पर होती है यह कार्रवाई

परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि लाइव ट्रैकिंग के दौरान गतिसीमा से तेज बस चलाने का पता चलने पर वाहन और चालक दोनों को सेवा से हटा दिया जाता है। अगली तैनाती से पहले बस का पुन: ब्योरा लिया जाता है। साथ ही चालक को रिफ्रेशर कोर्स करना होता है। बार-बार अपराध करने की स्थिति में, चालक को सात दिनों के लिए ड्यूटी से हटा दिया जाता है और फिर से प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। यदि एक ही महीने में दोबारा गतिसीमा से तेज बस चलाते पाए जाते हैं, तो चालक को एक महीने के लिए ड्यूटी से हटा दिया जाता है। समय सारिणी को सख्ती से लागू किया जाता है। इसके साथ ही बस के निर्धारित स्टापेज पर बस की निगरानी की जाती है।

क्लस्टर बसों द्वारा हादसे

वर्ष हादसे मौत

2019 23 35

2020 20 22

2021 18 19

नोट-2021 के आंकड़े 15 जुलाई तक के हैं

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