व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर टोल वसूली को कैशलेस करने के दावे फेल, करोड़ों खर्च के बाद भी नगद वसूली से लगता है जाम
राजधानी में व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर टोल वसूली को बार-बार कैशलेस करने के दावे विफल साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि टोल नाकों पर वाहनों से नकद टोल वसूली न केवल जाम का कारण बन रही है बल्कि यह हवा को भी जहरीला कर रही है।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। राजधानी में व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर टोल वसूली को बार-बार कैशलेस करने के दावे विफल साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि टोल नाकों पर वाहनों से नकद टोल वसूली न केवल जाम का कारण बन रही है, बल्कि यह हवा को भी जहरीला कर रही है। वायु प्रदूषण को स्वच्छ रखने के लिए टोल वसूली प्रक्रिया को कैशलेस करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) को स्थापित करने का फैसला पूर्व में वायु प्रदूषण के लिए गठित पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के दिशानिर्देश पर हुआ था। इस परियोजना पर 50 करोड़ रुपये तक खर्च हो चुके हैं।
आलम यह है कि वर्ष 2018 में दिल्ली के प्रमुख टोल नाके, जिन्हें आरएफआइडी तकनीक से युक्त किया गया था उन पर भी नकद टोल का भुगतान हो रहा है। इतना ही नहीं, जिन 111 टोल नाकों पर हैंडहेल्ड डिवाइस के माध्यम से टोल की वसूली की जानी चाहिए वहां भी नकद भुगतान हो रहा है। कई वाहन ऐसे हैं जिनके पास आरएफआइडी टैग नहीं है उनसे तो नकद टोल लिया ही जा रहा है, बल्कि जिन वाहनों के पास टैग हैं उनसे भी नकद टोल वसूला जा रहा है। उल्लेखनीय है कि टोल वसूली के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर दक्षिणी निगम कार्य करता है। निगम की ओर से कई बार आदेश जारी हुए हैं कि टैग के बिना वाहनों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, लेकिन निगम को अब तक इस व्यवस्था को 100 प्रतिशत लागू करने में सफलता नहीं मिली है।
दैनिक जागरण ने किया निरीक्षण, नकद हो रही थी टोल की वसूली : दैनिक जागरण की टीम ने शुक्रवार को निगम के विभिन्न टोल नाकों जैसे लामपुर बार्डर, औचंदी बार्डर, निजामपुर, कुतुबगढ़, मुंगेशपुर, पंजाब खोड़, हरेवली, चिल्ला बार्डर, खोड़ा कालोनी व कापसहेड़ा टोल का निरीक्षण किया और पाया कि टैग न होने और टैग होने की स्थिति में नकद टोल भुगतान हो रहा है। ऐसे वाहन चालकों पर न कोई जुर्माना लगाया जा रहा है और न ही किसी प्रकार की रोकटोक हो रही थी।
तकनीक भी नहीं करती है काम : कई टोल नाकों पर आरएफआइडी स्कैन में दिक्कत की भी समस्या है। वाहन चालक इसको लेकर परेशान भी होते हैं। आरएफआइडी जिन टोल नाकों पर लगा है वहां पर वाहनों पर लगे टैग को स्कैन न होने पर टोलकर्मी वाहनों को आगे-पीछे करने के निर्देश देकर टैग को स्कैन करने की मशक्कत करते देखे जा सकते हैं।
13 टोल नाकों पर स्थापित की गई है आरएफआइडी तकनीक : आया नगर, टीकरी, कापसहेड़ा, बदरपुर फरीदाबाद मेन, बदरपुर सराय, शाहदरा फ्लाईओवर, डीएनडी फ्लाईओवर, रजोकरी, कुंडली, गाजीपुर मेन, गाजीपुर ओल्ड, केजीटी कुंडली व शाहदरा मेन टोल।
अब तक की डेडलाइन
कुछ जरूरी बातें हम टोल का भुगतान आरएफआइडी तकनीक से लेने का प्रयास कर रहे हैं। अब जो व्यावसायिक वाहन बिना टैग के या रिचार्ज न होने पर प्रवेश की कोशिश करेंगे उन वाहनों का पंजीकरण निरस्त करने लिए परिवहन विभाग को पत्र लिखा जाएगा।-मुकेश सुर्यान, महापौर, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम