एएसआई की वर्दी में सिविल डिफेंस वालेंटियर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार

डीसीपी का कहना है कि जय किशन अगर दिल्ली पुलिस के सिपाही या सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहनी होती तब शायद शक नहीं होता। लेकिन 22 साल से सिविल डिफेंस वालेंटियर ने ए एस आई की वर्दी पहन ली जो प्रमोशन 10 से 15 सालों बाद मिलती है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:37 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:32 AM (IST)
एएसआई की वर्दी में सिविल डिफेंस वालेंटियर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार
जाम नगर एसडीएम कार्यालय से जारी सिविल डिफेंस वालेंटियर का पहचान पत्र बरामद

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन थाना पुलिस ने स्टेशन के बाहर दिल्ली पुलिस के एएसआई की वर्दी पहनकर खड़े एक सिविल डिफेंस वालेंटियर को गिरफ्तार किया है। पूछ्ताछ में उसने बिना रेलवे टिकट के उत्तर प्रदेश , आजमगढ़ स्थित घर जाने के लिए एएसआई की वर्दी पहनने की बात कही है, लेकिन पुलिस को शक है कि आम लोगों से उगाही की कोशिश में उसने वर्दी पहन रखी हो। बहरहाल उसे रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। डीसीपी रेलवे हरेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक गिरफ्तार किए गए सिविल डिफेंस वालेंटियर का नाम जय किशन यादव है। वह मायापुरी में परिवार से साथ रहता है। इसके पास से नई दिल्ली जिला के जाम नगर स्थित एसडीएम कार्यालय से जारी सिविल डिफेंस वालेंटियर का पहचानपत्र बरामद किया गया है। जनवरी 2019 में आईकार्ड जारी किया गया था जिसकी वेलिडिटी फरवरी 2023 तक है। इससे पहले भी जाम नगर एस डीएम कार्यालय से जुड़े तीन चार सिविल डिफेंस वालेंटियर पार्को में उगाही करने के आरोप में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

डीसीपी का कहना है कि जय किशन अगर दिल्ली पुलिस के सिपाही या सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहनी होती तब शायद शक नहीं होता। लेकिन 22 साल से सिविल डिफेंस वालेंटियर ने ए एस आई की वर्दी पहन ली, जो प्रमोशन 10 से 15 सालों बाद मिलती है। यहां तक कि उसने कंधे पर स्टार भी उल्टा लगा रखा था।

13 जून की शाम 7.38 बजे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दिल्ली पुलिस के एएसआई की वर्दी में खड़े जय किशन को देखकर उसके पास से गुजर रहे सातवीं बटालियन में तैनात सिपाही योगेश कुमार को शक हुआ। उसकी उम्र व स्टार उलटा लगा हुआ देखकर शक हुआ। पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसकी नियुक्ति 2019 में हुई है।

जब उससे पूछा गया कि इतनी कम उम्र में उसे एएसआई के पद पर कैसे पदोन्नत किया गया तब उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जिसके बाद सिपाही ने पीसीआर काल कर शिकायत कर दी। कुछ ही देर में पुलिस ने उसे दबोच लिया। थाने लाकर विस्तृत पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह अपने दो भाइयों जय सिंह यादव और हिमांशु के साथ फरक्का एक्सप्रेस से आजमगढ़ (यूपी) जाना चाहता था। उनके पास केवल दो कन्फर्म टिकट थे। वह दिल्ली सिविल डिफेंस में नामांकित हैं। उसने दिल्ली पुलिस के एएसआई की वर्दी इसलिए पहनी ताकि फरक्का एक्सप्रेस से अपने पैतृक शहर आजमगढ़ तक बिना किसी परेशानी के यात्रा कर सके।

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