दिल्ली में कोरोना के कैरीयर बन रहे हैं बच्चे, डॉक्टरों का दावा- यह म्यूटेटेड वायरस है, जो तेजी से फैलता है

वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल में पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख डॉ. राहुल नागपाल का। डॉ. राहुल नागपाल ने बताया कि फोर्टिस अस्पताल में 26 मार्च से लेकर अभी तक (15 दिन में) कोरोना संक्रमित करीब 70 बच्चे आ चुके हैं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 12:00 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 12:00 PM (IST)
दिल्ली में कोरोना के कैरीयर बन रहे हैं बच्चे, डॉक्टरों का दावा- यह म्यूटेटेड वायरस है, जो तेजी से फैलता है
बच्चे कोरोना के कैरीयर (संक्रमण के वाहक) बन रहे हैं।

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। राजधानी दिल्ल में फैल रहे कोरोना संक्रमण की चपेट में अब कम उम्र के लोग व बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। इसके साथ ही बच्चे कोरोना के कैरीयर (संक्रमण के वाहक) बन रहे हैं। यह कहना है वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल में पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख डॉ. राहुल नागपाल का। डॉ. राहुल नागपाल ने बताया कि फोर्टिस अस्पताल में 26 मार्च से लेकर अभी तक (15 दिन में) कोरोना संक्रमित करीब 70 बच्चे आ चुके हैं। इनमें से तीन को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था, जिन्हें अब छुट्टी दी जा चुकी है। बाकी बच्चों को होम आइसोलेशन में भेज दिया गया। फिलहाल, करीब 65 बच्चों का इलाज अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में होम आइसोलेशन में चल रहा है। डॉक्टर रोज बच्चों को टेली कंसल्टेशन देते हैं। इन बच्चों में अधिकांश की उम्र पांच से नौ वर्ष के बीच है। वहीं, एक बच्चा डेढ़ माह का है। फिलहाल, अस्पताल में एक बच्चा भर्ती है।

डॉ. राहुल नागपाल ने बताया कि इस समय कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे बच्चों में सामान्यतया चार से पांच दिन बुखार रहता है, साथ ही बहुत ज्यादा खांसी होती है। करीब एक सप्ताह बाद इनकी हालत में सुधार होने लगता है, इसलिए अधिकतर बच्चों को होम आइसोलेशन में ही भेजा जा रहा है।

वहीं, गंभीर समस्या होने पर बच्चों को भर्ती भी किया जा रहा है। होम आइसोलेशन में माता-पिता बच्चों की देखभाल करते हैं, जिससे उनके माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्य संक्रमित होते हैं। इस तरह बच्चे बड़ों को कोरोना फैलाने के कैरीयर बन रहे हैं, इसलिए बच्चों को वायरस से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

वहीं, लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार के मुताबिक उनके यहां भी 10 साल से कम उम्र के करीब 12 बच्चे भर्ती हो चुके हैं। डॉ. सुरेश कुमार का भी कहना है कि कोरोना की इस लहर में सबसे ज्यादा बच्चे या 30 साल से कम उम्र के लोग संक्रमित हो रहे हैं, जबकि पिछली लहर में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग संक्रमित हो रहे थे। इसलिए इन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉक्टर का कहना है कि यह म्यूटेटेड वायरस है, जो तेजी से फैलता है।

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