Chhath Puja 2021: घाटों पर छठ पर्व मनाने को लेकर क्या है ताजा अपडेट, राजनीति के बीच LG के पास पहुंची डिमांड
छठ पूजा समितियों ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर घाटों पर छठ मनाने को लेकर जल्द ही अनुमति देने की मांग की है।आयोजन से जुड़े लोगों का मानना है कि छठ पूजा को लेकर राजनीतिक पार्टियां आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर अपने हितों को साधने की कोशिश कर रही हैं।
नई दिल्ली [संजय सलिल]। राजधानी के घाटों पर छठ पर्व के आयोजन को लेकर राजनीति गरमाई हुई है, लेकिन सार्वजनिक आयोजन को लेकर अब तक धुंध साफ नहीं हुई हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ ही उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर अनुमति मांगी गई है। छठ पूजा समितियों के पदाधिकारियों को अनुमति मिलने की उम्मीद तो है, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं होने से उनके मन में असमंजस भी बरकरार है।
छठ पूजा समितियों ने एलजी को पत्र लिख कर की मांग
अब छठ पूजा समितियों ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर घाटों पर छठ मनाने को लेकर जल्द ही अनुमति देने की मांग की है। आयोजन से जुड़े लोगों का मानना है कि छठ पूजा को लेकर राजनीतिक पार्टियां आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर अपने हितों को साधने की कोशिश कर रही हैं। घाटों पर छठ हो या न हो, इसकी चिंता वास्तविक रूप से किसी को नहीं है। ऐसे में उपराज्यपाल को तुरंत अनुमति देकर इस राजनीति पर रोक लगानी चाहिए।
पूजा समितियों का कहना है कि दिल्ली में तकरीबन 500 जगहों पर स्थायी और अस्थायी घाटों में छठ पर्व मनाया जाता हैं। इनमें पार्क, खाली मैदान, नहर, तालाब आदि स्थान शामिल हैं। इसके लिए आयोजन समितियों को नगर निगम, डीडीए सहित तमाम एजेंसियों की अनुमति लेनी पड़ती है। घाटों को तैयार किया जाता हैं। वहां रोशनी सहित अन्य प्रबंध किए जाते हैं। हर साल यह तैयारी दुर्गा पूजा संपन्न होते ही शुरू कर दी जाती है, लेकिन 30 सितंबर को दिल्ली राज्य आपदा प्रबंधन की बैठक में सार्वजनिक रूप से घाटों पर छठ पर्व के आयोजन पर रोक लगा दी गई। ऐसे में अब तक घाटों पर किसी प्रकार की तैयारियां शुरू नहीं हो सकी हैं।
नहीं शुरू हुआ है अस्थायी घाटों का निर्माण
किराड़ी, नरेला, बवाना, भलस्वा, बुराड़ी आदि इलाके में अस्थायी घाटों का निर्माण तक प्रारंभ नहीं हो सका है। नहर, तालाब, झील आदि की सफाई नहीं शुरू हुई है। इन सब कार्यों में वक्त लगेगा। इस दिशा में केंद्र और दिल्ली सरकार को तुरंत आवश्यक कदम उठाने चाहिए। बिलंब से अनुमति मिलने पर आधी-अधूरी तैयारियों के साथ छठ पर्व का आयोजन सही नहीं होगा। इस पर्व को लेकर राजनीति करना अच्छी बात नहीं है। समय रहते इस पर उचित फैसला लेकर लोगों के संशय को दूर किया जाना चाहिए।