प्याज के दाम नियंत्रित करने के लिए स्टॉक सीमा तय करने पर विचार कर रही है सरकार

प्याज की बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए सरकार व्यापारियों के पास इसके स्टॉक की सीमा तय करने पर विचार कर रही है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 09:46 PM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 09:46 PM (IST)
प्याज के दाम नियंत्रित करने के लिए स्टॉक सीमा तय करने पर विचार कर रही है सरकार
प्याज के दाम नियंत्रित करने के लिए स्टॉक सीमा तय करने पर विचार कर रही है सरकार

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्याज की बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए सरकार व्यापारियों के पास इसके स्टॉक की सीमा तय करने पर विचार कर रही है। अधिक बारिश और सप्लाई में कमी के चलते पूरे देश में प्याज का भाव आसमान छू रहा है। सूत्रों के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों में यदि प्याज के भाव में गिरावट नहीं आती है, तो सरकार व्यापारियों के पास इसके स्टॉक को सीमा तय कर सकती है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में प्याज 57 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध है। लेकिन दिल्ली में इसका खुदरा भाव 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। मंत्रालय के मुताबिक प्याज का खुदरा भाव मुंबई में 56 रुपये, कोलकाता में 48 रुपये और चेन्नई में 34 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। वहीं गुरुग्राम और जम्मू में प्याज 60 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है।

रेट अगर नियंत्रित नहीं हुए तो 90-100 रुपए किलो तक पहुंच सकता है दाम

बताया जा रहा है कि बाजार में मांग के मुकाबले प्याज की आपूर्ति बहुत कम है, जिससे प्याज की कीमतों को संभालना मुश्किल हो रहा है। प्याज व्यापारी संगठन के प्रमुख राजेंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली में प्याज की खपत करीब 3,000 टन रोजाना है, जबकि मार्केट में सिर्फ 1,000 टन प्याज ही पहुंच रहा है।

अगर ऐसा ही चलता रहा तो दीपावली तक थोक भाव 65 सौ रुपए क्विंटल से आठ हजार रुपए क्विंटल पर पहुंच जाएगा। वहीं उपभोक्ताओं को यह 90-100 रुपए किलो तक मिलेगा। इसके चलते प्याज के भाव में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा अधिक बारिश होने से प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।

पहले ही कई कदम उठा चुकी है सरकार

सरकार द्वारा प्याज का भाव नियंत्रित करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए जा चुके हैं। सरकारी एजेंसियां खुले बाजार में प्याज की बिक्री कर रही हैं और इसके निर्यात पर दिए जाने वाले सभी लाभ हटा लिए गए हैं। इसके अलावा प्याज का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (एमईपी) भी बढ़ा दिया गया है, ताकि निर्यात में कमी आए।

गौरतलब है कि पिछले दिनों सरकार ने प्याज के निर्यात के लिए 850 डॉलर प्रति टन का भाव तय कर दिया था, ताकि इसके निर्यात में कमी आए और घरेलू बाजारों में आपूर्ति बढ़े। इसके बावजूद प्याज के दाम में तेजी बनी हुई है।

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