सभी राज्यों की तरफ से एक टेंडर कर वैक्सीन खरीदे केंद्र सरकार : सत्येंद्र जैन
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा अगर राज्य ग्लोबल टेंडर करेंगे तो सभी को अलग-अलग कीमत पर वैक्सीन मिलेगी। साथ ही वैक्सीन का फार्मूला गुप्त रखने की बजाय सक्षम कंपनियों से साझा किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार कोवैक्सीन के उत्पादन में सरकारी पार्टनर भी है।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले 6.50 करोड़ वैक्सीन विदेशों में भेज दी और अब राज्यों को ग्लोबल टेंडर के जरिए वैक्सीन खरीदने के लिए कह रही है, जबकि केंद्र सरकार को सभी राज्यों की तरफ से एक टेंडर करके वैक्सीन खरीदनी चाहिए।
देश में वैक्सीन बनाती हैं 30 से अधिक कंपनियां
जैन ने कहा, अगर राज्य ग्लोबल टेंडर करेंगे, तो सभी को अलग-अलग कीमत पर वैक्सीन मिलेगी। साथ ही वैक्सीन का फार्मूला गुप्त रखने की बजाय सक्षम कंपनियों से साझा किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार कोवैक्सीन के उत्पादन में सरकारी पार्टनर भी है। वह अन्य कंपनियों से इसका फार्मूला साझा कर सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस तरह 45 साल के उम्र तक और फिर 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण करने की दिल्ली सरकार की मांगों को मान लिया था, उसी तरह वैक्सीन का फार्मूला भी साझा करने की मांग को भी मान लेगी।
जैन के मुताबिक, दिल्ली में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए कोविशील्ड वैक्सीन अब सिर्फ दो-तीन दिन की ही बची है। दिल्ली द्वारा अधिक आक्सीजन को वापस करने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि आक्सीजन जमा करने के लिए नहीं खपत के लिए होती है। दिल्ली में एक समय था, जब 700 मीट्रिक टन प्रतिदिन की खपत थी। किसी भी अस्पताल जिसकी पहले 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन की खपत थी, वह अब घटकर 14-15 टन तक रह गई है। ऐसे में सरकार को आक्सीजन की जमाखोरी नहीं करनी है।
गांव में भी फैल रहा कोरोना
गांवों में कोरोना के बढ़ते मामलों के संबंध में सत्येंद्र जैन ने कहा कि अभी दिल्ली में चौथी लहर चल रही है। इससे पहले दिल्ली के बाहरी क्षेत्र के जो गांव थे, उनमें काफी कम कोरोना के मामले देखने को मिले थे। इस बार मामले वहां पर ज्यादा हैं। मुझे लगता है कि पूरे देश में गांव-गांव के अंदर कोरोना फैल गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी जिले के गांवों में रोजाना 10 हजार लोगों की जांच की जा रही है। जैन ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से टोसिलिजुमैब इंजेक्शन काफी कम मिल रहे हैं। सरकार की तरफ से एक माह में एक हजार यानी रोजाना के लिए 30-35 दिए जा रहे हैं। जबकि मांग प्रतिदिन 500 की है।
कोरोना के मामलों में कमी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजधानी में कोरोना के मामलों में अब कमी आ रही है, लेकिन ऐसे में कोई लापरवाही नहीं बरतनी है। कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार की तैयारियां लगातार चल रही है।