रोहित गहलोत मुठभेड़ मामले में सीसीटीवी बताएंगे, पुलिस बेगुनाह या फिर दागदार

कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि मुठभेड़ स्थल के पांच किलोमीटर के दायरे में लगे सीसीटीवी के फुटेज को संभाला जाए। आरोपित रोहित के घर के आसपास दो किलोमीटर और द्वारका सेक्टर-16बी स्थित पुलिस कार्यालय के इर्द-गिर्द सीसीटीवी कैमरे के फुटेज संभालने के निर्देश भी दिए भी हैं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 02:51 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 02:51 PM (IST)
रोहित गहलोत मुठभेड़ मामले में सीसीटीवी बताएंगे, पुलिस बेगुनाह या फिर दागदार
द्वारका जिला पुलिस व रोहित गहलोत के बीच हुई मुठभेड़ पर अब सवाल उठ रहे हैं। प्रतीकात्म्क तस्वीर।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। द्वारका जिला पुलिस व रोहित गहलोत के बीच हुई मुठभेड़ पर अब सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान रोहित गहलोत की ओर से पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि मुठभेड़ स्थल के पांच किलोमीटर के दायरे में लगे सीसीटीवी के फुटेज को संभाला जाए। इसके अलावा पुलिस को आरोपित रोहित के घर के आसपास दो किलोमीटर और द्वारका सेक्टर-16बी स्थित पुलिस कार्यालय के इर्द-गिर्द दो किलोमीटर के दायरे में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज संभालने के निर्देश भी दिए भी हैं।

कोर्ट ने इस मामले से जुड़े कुछ लोगों की सीडीआर (काल डिटेल रिकार्ड) और काल टावर लोकेशन से जुड़ा ब्योरा पेश करने के निर्देश दिए हैं। द्वारका कोर्ट के मुख्य महानगर दंडाधिकारी (सीएमएम) ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले में रोहित गहलोत के पिता जब अपनी बात पुलिस के समक्ष कहना चाह रहे थे, तब कोई पुलिस अधिकारी नहीं मिला।

यहां तक एक पिता ने जब अपने बेटे से मिलने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों ने ऐसा नहीं होने दिया। जब इन आरोपों के बाबत पुलिस उपायुक्त को जवाब देने को कहा तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जब एक जिला पुलिस का मुखिया ऐसा करेगा तो उनके अधीनस्थ से भला कैसी उम्मीद की जा सकती है। यह पीड़ा तब और बढ़ जाती है जब इसकी अवहेलना ऐसे लोग ही करते हैं जिनसे संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की हिफाजत की उम्मीद की जाती है।

ये है मामला

31 अक्टूबर की शाम नजफगढ़ स्थित एक मिठाई की दुकान पर गोली चलाई गई थी। इस मामले में पुलिस ने हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने पहले अजरुन व सोनू को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार छानबीन में सामने आया कि इस वारदात के पीछे रोहित का हाथ है। दो नवंबर को पुलिस व रोहित के बीच उत्तम नगर इलाके में मुठभेड़ हुई, जिसमें रोहित के पैर में गोली लगी।
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